लखनऊः उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी उन्हीं मुद्दों को धार देने की तैयारी कर रही है, जिनके सहारे दिल्ली में पहली बार सरकार बनाने में सफल हुई थी. दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल बनाने की पूरी कोशिश की थी और जिसका फायदा भी मिला था. लेकिन उस समय आप के पास अन्ना हजारे जैसा करिश्माई नेता मौजूद था. जिसकी कमी आप को उत्तर प्रदेश में कहीं न कहीं खटक रही है.
दरअसल, आम आदमी पार्टी पिछले कई महीने से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा सरकार को घेरने की पूरी कोशिश की है. सबसे पहले शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी आक्रामक हुई और सीधा बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री पर हमला बोला. इसके बाद कोरोना काल में चिकित्सा उपकरणों की खरीद में भ्रष्टाचार का मामला उठाया. दोनों ही मामलों में पार्टी ने लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई. अभी से संयोग कहें या कुछ और. अब जबकि उत्तर प्रदेश में चुनावी गतिविधियां चरम पर हैं और लोकायुक्त ने जल जीवन मिशन में हुए पर सरकार को नोटिस जारी कर 6 नवंबर तक जवाब मांगा है.
लोकायुक्त ने प्रमुख सचिव जल शक्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव के अलावा अध्यक्ष राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन तथा एमडी जल निगम को भी नोटिस जारी की है. इस मामले की शिकायत आम आदमी पार्टी के अमित चोपड़ा ने लोकायुक्त से की थी. इसके पहले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी के शिकायत पर भी लोकायुक्त कार्यालय से शासन को नोटिस जारी की जा चुकी है. अब यह हथकंडा कितना कारगर होगा यह तो उत्तर प्रदेश के होने वाले चुनाव ही बताएंगे. इस मामले में आम आदमी पार्टी सीधे जल जीवन मिशन के मंत्री महेंद्र सिंह पर हमलावर है.