लखनऊ :मंगलवार को यूपी विधानसभा में बजट सत्र के 8वें दिन की कार्यवाही हुई. बजट सत्र की चर्चा में नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि बजट पर नेता प्रतिपक्ष सहित अब तक 124 सदस्यों ने विचार रखे और सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि मैं सदन के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं. सीएम योगी ने कहा कि कई वर्षों बाद सदन में गंभीर और समृद्ध चर्चा हुई है. इससे लोकतंत्र की गरिमा बढ़ी है. सदन की कार्यवाही में सत्तापक्ष के 75 और प्रतिपक्ष के 49 सदस्यों ने अपने विचार रखे.
सीएम योगी ने कहा कि हम सुझावों पर विचार करने का प्रयास करेंगे, सदस्यों के भावनाओ के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन करने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में कभी-कभी फिसल भी जाते हैं. सदन की कार्यवाही में सीएम योगी ने ऐलान किया कि विधायकों को मिलने वाली निधि 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ होगी. सीएम योगी ने कहा कि मैं सदस्यों की मांग पर यूपी विधानसभा के सभी सदस्यों की विधायक निधि 5 करोड़ करता हूं. बता दें कि बसपा के नेता विरोधी दल उमाशंकर सिंह ने सदन में विधायक निधि पांच करोड़ किये जाने की मांग का प्रस्ताव रखा था. इस प्रस्ताव पर सीएम योगी ने सदन की कार्यवाही के दौरान विधायक निधि बढ़ाने का ऐलान कर दिया. आठवें दिन की चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अनिश्चितकाल के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
सीएम योगी का ऐलान, विधानसभा कर्मचारियों को मिलेगा एक हजार रुपये मानदेय
यूपी विधानसभा कार्यवाही के दौरान कई बड़े ऐलान किए गए. सदन में हुई 8वें दिन की कार्यवाही में सीएम योगी ने विधानसभा के कर्मचारियों को एक हजार रूपये मानदेय देने का ऐलान किया. सदन में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए नेता सदन सीएम योगी ने कहा कि हमारी सरकार में योजनाएं जाति, मजहब और धर्म के नाम पर नहीं बनाई जातीं हैं. जबकि हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास को आधार पर योजनाएं बनाकर उस पर अमल करती है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में सबका विकास हुआ है, लेकिन तुष्टिकरण नहीं किया गया है. विकास तो सबका होगा, लेकिन तुष्टिकरण के लिए कोई जगह इस सरकार में नहीं है.
सदन की चर्चा में सीएम योगी ने पढ़ीं दुष्यंत कुमार की पंक्तियां
सीएम ने कहा कि मैं दुष्यंत कुमार की कुछ पंक्तियां कहूंगा, "कैसे-कैसे मंजर सामने आने लगे हैं, गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं. सीएम योगी ने कहा कि आप जो बातें कहते हैं, वह प्रोसिडिंग का हिस्सा बनता है, लाइब्रेरी का हिस्सा बनता है, इसलिए हमको सोच-समझकर बोलना चाहिए. सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने भाषण में बेसिक शिक्षा की बात पर स्कूल में राहुल गांधी वाली बात बोली. बच्चे मन के सच्चे होते हैं, जो बोलते हैं सच बोलते हैं. उन्होंने कहा कि 'कोई फर्क नहीं है आप में और राहुल गांधी में. वो देश के बाहर रहकर देश की बुराई करते हैं, आप उत्तर प्रदेश के बाहर प्रदेश की बुराई करते हैं.'सीएम ने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर कोरोना भी उत्तर प्रदेश से दुम दबाकर भागना पड़ा. पिछली सरकारें परिणाम नहीं दे पायीं, फर्क साफ है. आप समस्या के बारे में सोचते हैं, हम समाधान के बारे में सोचते हैं. समस्या के बारे में दस बहाने मिल जाते हैं. समाधान में दस रास्ते मिल जाते हैं, यही फर्क साफ है.
सीएम योगी बोले- हमने जो कहा, उसे पूरा करते हैं, बहाना नहीं बनाते
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है. उत्तर प्रदेश का पहला बजट 1947 में जब आया था, तो वह कुल 103 करोड़ का था. उस समय प्रदेश के प्रति व्यक्ति आय 259 रुपये थी, प्रदेश की जीडीपी 1,628 करोड़ थी. इसके बाद से देश ने एक लंबी यात्रा तय की. 75 वर्षों में हम खो गए, 70 वर्षों में यूपी को कहां ले गए. पिछली 2017 से पहले वाली सरकार में प्रति व्यक्ति देश के प्रति व्यक्ति आय की एक तिहाई रह गई थी.
सीएम ने कहा कि जब तक हमारे लक्ष्य ऊंचे नही होंगे, तब तक हमारी उपलब्धियां बड़ी नहीं हो सकती. हमने बजट को दोगुना करने का काम किया. सीएम ने सदन में कहा कि वर्ष 2016-17 में बजट में बैंक से वित्तीय सहायता ली गई. आज हमारी निर्भरता बैंक और वित्तीय सहायता में 13 फीसदी ही रह गई है. हम बाकी अपने सोर्स ऑफ इनकम से पूरा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने में हमें सफलता मिली है. बैंकों से कॉमन मैन को मिलने वाला लाभ बढ़ा है, लोग स्वावलंबी बन रहे हैं. सीएम ने कहा कि हमने लोक कल्याण संकल्प पत्र में हमने 130 संकल्प किये थे, इनमें हमने 97 संकल्पों को बजट में शामिल किया. इसके लिए हमने 54 हजार करोड़ का बजट दिया. हमने जो कहा, वो पूरा करते हैं, बहाना नहीं करते हैं.
सीएम ने कहा कि हमने 6 बजट प्रस्तुत किए, वर्ष 2017-18 का पहला बजट अन्नदाता के लिए, वर्ष 2018-19 का दूसरा बजट औद्योगिक विकास और भ्रष्टाचार, वर्ष 2019-20 का तीसरा बजट महिला सशक्तिकरण, वर्ष 2020-21 का चौथा बजट युवा ऊर्जा, युवाओं के लिए था. पांचवा बजट 2021-22 का विभिन्न वर्गों के स्वावलंबन के लिए था और छठा बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए. वर्ष 2022-23 का बजट आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश बनाने के लिए है.
अखिलेश यादव ने सदन में सरकार से पूछा, इतना बड़ा बजट तो इतनी कम चर्चा क्यों
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सदन के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सदन के नेता (योगी आदित्यनाथ) भी आजकल शेर-शायरी करते नजर आते हैं. बदले-बदले मेरे सरकार नजर आते हैं.नेता सदन यह गलत कह रहे हैं कि पहला बजट 1947 में आया था, जबकि पहला बजट 1952 में आया था. उन्होंने कहा कि बात हो रही है, 2022 की और सदन में चर्चा हो रही है 1947 के बजट की.
अखिलेश यादव ने कहा कि आपके मंत्री विभागों का बजट नहीं खर्च कर पाए, इसलिए वह मंत्री का नही हैं. आपने एक मंत्री नहीं हटाया बल्कि 22 मंत्री हटाए हैं. आप बताइए पिछले 5 बजट में कितना मंत्री विभाग के मुताबिक खर्च नहीं कर पाए. कोई भी NCRB के आंकड़े देख सकता है. भाजपा सरकार में हत्या और दलितों के अपराध में प्रदेश नंबर वन है. उन्होंने सवाल किया कि स्मार्ट सिटी आखिर है क्या बताएं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपने अपने घोषणापत्र में कहा किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी. क्या तारीख बदलने से आय दुगनी हो जाएगी. उन्होंने सवाल किया कि इतना बड़ा बजट है, तो फिर इतनी छोटी चर्चा क्यों हो रही है.
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