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Published : Sep 23, 2019, 7:53 PM IST

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यूपी में एंबुलेंस ड्राइवरों की हड़ताल से मरीज हलकान, सरकार का एस्मा लगाने का फरमान

प्रदेश में एंबुलेंस सेवा पूरी तरह बाधित है. लोग परेशान हैं. तीमारदार अपने मरीजों को निजी वाहन, ई-रिक्शा और बैलगाड़ी के जरिये अस्पताल से घर और घर से अस्पताल लेकर आ-जा रहे हैं.

एंबुलेंस ठप होने से मरीज परेशान.

लखनऊ:उत्तर प्रदेश में एंबुलेंस सेवा ठप हो जाने से तीमारदारों और मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं एंबुलेंस चालक अपनी मांग पर अड़े हैं. चालकों का कहना है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, हम हड़ताल पर रहेंगे.

एंबुलेंस ठप होने से मरीज परेशान.

हरदोई में मरीज, तीमारदार सब परेशान
हरदोई में एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के बाद स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित हो चुकी हैं. तीमारदारों को अस्पतालों से मरीजों को लाने और ले जाने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. तीमारदारों को अपने मरीजों को निजी वाहनों या फिर किराए के वाहनों से ले जाना पड़ रहा है. स्वास्थ्य महकमे के अधिकारी लगातार एंबुलेंस चालकों से बातचीत कर मामले को सुलझाने के प्रयास में जुटे हुए हैं. फिलहाल एंबुलेंस चालकों से बातचीत का दौर जारी है.

हाथरस में भी सेवा ठप, नहीं लग रहा एंबुलेंस को फोन
हाथरस में जीवीके द्वारा संचालित 108 और102 एंबुलेंस की हड़ताल से मरीज परेशान हैं. तीमारदार एंबुलेंस को फोन लगा रहे हैं लेकिन फोन नंबर नहीं मिल रहा है. यदि फोन लग भी रहा है तो कोई ठीक से जवाब नहीं दे रहा है. तीमारदार अपने मरीज को ई-रिक्शा और अन्य साधनों से अस्पताल से घर और घर से अस्पताल ले जा रहे हैं. एक नवजात की नानी का कहना है कि एंबुलेंस की सेवा ठप होने की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

लखनऊ में धरना
प्रदेश के सभी जनपदों से आए पायलट और टेक्नीशियन लखनऊ के इको गार्डन में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि जब तक कंपनी हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे.

कर्मचारियों की मांगें

  • जिन पुराने साथियों को कंपनी निकाल चुकी है उनकी वापसी और कम वेतन के खिलाफ उनको समान वेतन मिलना चाहिए.
  • पायलट प्रशिक्षण के नाम पर ₹50 हजार की डीडी की मांग तत्काल प्रभाव से बंद की जानी चाहिए.
  • श्रम कानून के विपरीत कर्मचारियों से 8 घंटे की अवधि से अधिक काम नहीं लेना चाहिए.
  • हरियाणा-दिल्ली के अनुसार कर्मचारियों को एनआरएचएम के अधीन कर सेवा प्रदान की जाए.

उन्नाव जिला अस्पताल में लाइन से खड़ी हैं एंबुलेंस
उन्नाव में एम्बुलेंस कर्मचारियों ने प्रदेशभर में 23 सितंबर को मानदेय का फैसला थोपे जाने के विरोध में हड़ताल कर दी है. जीवीके कंपनी से संबंध एंबुलेंस चालकों ने सुबह 10 बजे के बाद से एंबुलेंस जिला अस्पताल में खड़ी कर दी. इसके बाद कर्मचारियों ने लामबंद होकर सरकार के फैसलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया.

सीएमओ कामता प्रसाद सिंह ने बताया कि हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर जरूर पड़ा है लेकिन सब कुछ सामान्य है. मरीजों की मदद के लिए सभी सीएचसी और जिला अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है.


एंबुलेंस कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
लखनऊ में बीते कई महीनों से भुगतान न मिलने की वजह से एंबुलेंस कर्मचारियों ने इमेरजेंसी सेवाओं को ठप कर दिया है. एंबुलेंस चालक प्रदेशीय आह्वान पर रविवार देर रात से हड़ताल पर चले गए. इसके बाद इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई हैं. पूरे प्रदेश भर में एंबुलेंस कर्मचारियों द्वारा यह हड़ताल की जा रही है. इस पूरे मामले पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए इन सभी एंबुलेंस कर्मचारियों पर एस्मा लगाने का मन बना लिया है. सेवाएं बाधित करने वाले कर्मचारियों पर एस्मा लगा कर कार्यवाही की जाएगी.

प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. पद्माकर सिंह ने बताया कि 108 और102 एंबुलेंस के कर्मचारियों को मनाने का प्रयास चल रहा है. कर्मचारियों ने सेवाएं वापस सुचारू रूप से शुरू नहीं की तो इन पर एस्मा लगा कर कार्यवाही की जाएगी. हालांकि सरकार द्वारा एंबुलेंस चलाने वाली कंपनी और चालकों के बीच समझौते का प्रयास किया जा रहा है. महानिदेशक स्वास्थ्य की तरफ से यह अपील की गई है कि किसी भी तरह से इमेरजेंसी सेवाओं को बाधित न होने दिया जाए.

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