लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार बनने के बाद से सुरक्षा और सुशासन पर सरकार का पूरा जोर रहा और उद्यमियों को विशेष तरह की सहूलियतें भी दी गई हैं. इसका परिणाम यह हुआ कि विदेशी निवेशक उत्तर प्रदेश में खूब आकर्षित हुए और उन्होंने अपने उद्यम स्थापित किए. इससे उत्तर प्रदेश में रोजगार के भी काफी अवसर बढ़े हैं.
योगी सरकार में कानून व्यवस्था से लेकर कामकाज में पारदर्शिता के चलते चाहे उद्यमियों को जमीन देने का मामला हो या तमाम विभागों से मिलने वाली एनओसी का मुद्दा, हर क्षेत्र में उद्यमियों को कई तरह की सहूलियतें दी जा रहीं हैं. इससे उद्यमियों में यह संदेश गया कि उत्तर प्रदेश निवेश करने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है. ऐसे में विदेशी निवेशक भी उत्तर प्रदेश में निवेश करने में रुचि दिखाने लगे. योगी सरकार के दौरान राज्य में अब तक करीब 60 अरब का बड़ा विदेशी निवेश हुआ है. विदेशी कंपनियों ने राज्य के अलग-अलग स्थानों पर अपने उद्योग स्थापित किए हैं. अभी इस दिशा में और भी तेजी से काम हो रहा है.
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यूपी में हुआ 60 अरब का विदेशी निवेश:सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के 5 साल के कार्यकाल के दौरान उत्तर प्रदेश में ₹60 अरब का निवेश हुआ है जिससे बड़े पैमाने पर राज्य में रोजगार के अवसर भी पैदा हुए हैं. विदेशी निवेश की बात करें तो करीब 785 मिलियन यूएस डॉलर निवेश हुआ है जो करीब 60 अरब के आसपास है. उत्तर प्रदेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने के मामले में देश में 11वें स्थान पर है. उत्तर प्रदेश देश के टॉप 5 राज्यों में शामिल होने के लिए अग्रसर है.
कई विदेशी परियोजनाओं पर काम जारी:औद्योगिक विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में विदेशी कंपनियों की करीब 40 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. इसके लिए उद्योग विकास विभाग की तरफ से जमीन देने का काम भी पूरा हो चुका है. इसमें जर्मनी की वाईका इंस्ट्रूमेंट्स ने गाजियाबाद में अपना उद्योग लगाने के लिए जमीन लेने का काम कर लिया है.
यूके की वेबली स्कॉट कंपनी हरदोई के संडीला में काम कर रही है. पीलीभीत में एबी मौरी करीब 1100 करोड़ का निवेश फूड प्लांट में कर रही है. इसके लिए जमीन भी उपलब्ध कराने का काम इंडस्ट्री विभाग की तरफ से किया जा चुका है. विभिन्न परियोजनाओं के जरिए करीब 5000 लोगों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं. इसी तरह पेप्सीको भी राज्य में निवेश कर रही है. रायबरेली में इनॉक्स एयर प्रोडक्ट्स ऑक्सीजन प्लांट लगा रही है. इस प्लांट में एयर लिक्विड बनाया जाएगा. इसके अलावा ब्रिटानिया औऱ डिक्सन की परियोजनाओं पर काम चल रहा है.
यूपी विदेशी निवेश का बड़ा केंद्र बना:पीपल ऑफ इंडियन ओरिजिन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उत्तर प्रदेश संयोजक मनीष खेमका ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल में यूपी विदेशी निवेश का एक सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है. योगी सरकार ने माइक्रोसॉफ्ट, पेप्सीको, एमएक्यू जैसी अमेरिकी कंपनियों को जमीन भी आवंटित करने का काम तेजी से शुरू किया है. पिछले दिनों भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा था कि यूनाइटेड किंगडम उत्तर प्रदेश का अंतरराष्ट्रीय साझेदार बनना चाहता है. इसका प्रस्ताव भी दिया था. यूके रिसर्च एंड इन्नोवेशन ने पिछले एक वर्ष में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के विभिन्न संस्थानों को करीब 4 मिलियन पाउंड से अधिक की सहायता भी दी है.
कानून व्यवस्था में सुधार से निवेशक प्रभावित:खेमका ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सुरक्षा और सुशासन का जो बेहतर माहौल तैयार हुआ है, उससे निवेशक तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. योगी सरकार के सख्त रवैयों से प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति में अप्रत्याशित सुधार हुआ है. ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में भी उत्तर प्रदेश ने ऊंची छलांग लगाई है.
कॉमर्शियल कोर्ट की स्थापना पर जोर:मनीष खेमका ने कहा कि सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में कॉमर्शियल कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए. कॉमर्शियल अदालतें बड़े कारपोरेट घरानों की रोजमर्रा के कामकाज का एक आवश्यक अंग है. उन्होंने बताया कि ढांचागत आवश्यकताओं में सुधारकर छोटे जिलों में भी विदेशी निवेश को आकर्षित किया जा सकता है. इससे राज्य सरकार की न सिर्फ आमदनी बढ़ेगी बल्कि रोजगार के नए नए अवसर भी प्राप्त होंगे.
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