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69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामला : OBC, SC वर्ग के अभ्यर्थियों ने किया बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव

यूपी बेसिक शिक्षा विभाग में हुई 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण में ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार सुबह बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के आवास का घेराव किया. अभ्यर्थियों का कहना है कि सहायक शिक्षक भर्ती में 17 हजार से ज्यादा पदों पर आरक्षण घोटाला हुआ है.

छात्रों का प्रदर्शन.
छात्रों का प्रदर्शन.

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Published : Dec 27, 2021, 9:22 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई 69000 सहायक शिक्षक भर्ती प्रकरण में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार सुबह बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के आवास का घेराव किया. इन्हें हटाने के लिए मंत्री के घर के पास भारी सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है. अभ्यर्थियों का कहना है कि सहायक शिक्षक भर्ती में 17 हजार से ज्यादा पदों पर आरक्षण घोटाला हुआ है. उत्तर प्रदेश सरकार ने आरक्षण में गड़बड़ी की बात को स्वीकार करते हुए 6000 पदों पर भर्ती करने का आश्वासन दिया है. जबकि, करीब 11,000 पदों पर अभी भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है.


उनकी मांग है कि इन पदों को भी इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाए. इस मांग को लेकर यह भर्ती रविवार को भी बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के आवास का घेराव कर बैठे थे. बता दें, उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित सरकारी प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर लगातार सरकार पर आरोप लग रहे हैं. ओबीसी और एससी वर्ग के अभ्यर्थियों की ओर से बीते करीब 8-9 महीने से आंदोलन किया जा रहा है.

शिक्षक अभ्यर्थियों का प्रदर्शन.
यह है आरोप

इन अभ्यर्थियों की तरफ से आरोप लगाया गया कि भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का अनुपालन नहीं किया गया. ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% और एससी वर्ग को 21% की जगह 16.6% आरक्षण दिया गया. इनका आरोप है कि करीब 17,000 सीटों पर गड़बड़ियां की गई. इसको लेकर अभ्यर्थियों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. कोर्ट के आदेश को आधार बनाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बीती 24 दिसंबर को इस संबंध में घोषणा की गई. करीब 6000 पदों पर भर्ती के संबंध में कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है.

अब यह है नाराजगी का कारण

अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से उनके साथ धोखा किया गया. अभ्यर्थियों का कहना है कि अब से 4 दिन पूर्व अभ्यर्थियों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संग मुख्यमंत्री आवास पर एक मुलाकात हुई थी. जिसमें तमाम बड़े अधिकारी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग का 27% तथा एससी वर्ग का 21% आरक्षण पूर्ण कर इस मामले का पूरी तरह से निपटारा किया जाए लेकिन, अधिकारियों ने अपनी गर्दन बचाने की बजाय इस भर्ती में कम घोटाला बताकर मात्र 6000 सीट पर ही आरक्षण घोटाला की विसंगतियां बता कर इस भर्ती से आरक्षण घोटाले पर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है. जो पूरी तरह से गलत है. जबकि, इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 18,598 में से मात्र 2637 सीट ही मिली है तथा ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण मिला है. वहीं दूसरी तरफ एससी वर्ग को इस भर्ती में 21% की जगह सिर्फ 16.6% आरक्षण दिया गया है. इस प्रकार इस भर्ती में ओबीसी तथा एससी वर्ग की 19,000 से अधिक सीटों पर आरक्षण घोटाला हुआ है.

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यह है मांग

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों की प्रमुख मांग है कि उन्हें इस भर्ती में अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 से नीचे ओबीसी वर्ग को 27% तथा एससी वर्ग को 21% आरक्षण पूरा किया जाए तथा लखनऊ हाईकोर्ट में सर्विस सिंगल 13156/2020 (महेंद्र पाल और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य कनेक्टेड) सभी याचिकाओं के सभी याचियों को समायोजित किया जाए. अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि 29 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की भर्ती मे आरक्षण घोटाले से संबंधित जारी रिपोर्ट को लागू करते हुए इस रिपोर्ट के सभी बिंदुओं पर अमल किया जाना चाहिए तथा राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सभी शिकायतकर्ताओं को इसमे शामिल किया जाए.

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