उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बेमौसम बारिश से पक रही कई फसलों को नुकसान - damages many crops in lucknow

प्रदेश में बेमौसम बारिश के चलते कुछ फसलों को फायदा है तो वहीं पक रही फसलों को काफी नुकसान होता दिखाई दे रहा है. बारिश के कारण लखनऊ के किसान काफी चिंतित दिखाई दे रहे हैं. इस पूरे मामले में कृषि विशेषज्ञ ने बताया कि किसानों को इस समय किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, जिससे किसान अपनी फसलों को बचा सकते हैं.

बेमौसम बारिश से पक रही कई फसलों को नुकसान
बेमौसम बारिश से पक रही कई फसलों को नुकसान

By

Published : Feb 6, 2021, 1:25 PM IST

लखनऊ : प्रदेश में बेमौसम बारिश होने के चलते किसान काफी परेशान हो गए हैं, तो वहीं कुछ जगहों पर कई किसानों को काफी फायदा होता दिखाई दे रहा है. राजधानी लखनऊ के बख्शी तालाब विकासखंड में अचानक मौसम में परिवर्तन होने के बाद, शुक्रवार मध्य रात्रि से रुक-रुककर बारिश जारी है. बारिश से पछेती आलू , टमाटर, बिन्स, मटर, मिर्च, बैगन और सरसों की अगेती फसल को अधिक नुकसान होगा.

कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आद्रता अधिक होने एवं दिन में प्रकाश न होने के कारण फसलों पर बीमारियों के साथ चूसने वाले कीटों का प्रकोप अधिक बढ़ेगा. बेमौसम बरसात हो जाने के कारण जायद में कद्दू वर्गीय सब्जियों तथा तरबूज एवं खरबूजा की बुवाई लेट हो जाएगी और किसानों को अधिक निगरानी करनी होगी. डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आलू, टमाटर, मिर्च में बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा, जिसे प्रतिबंधित करने के लिए डाइथेन एम-45 की 3 ग्राम मात्रा को 1 लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि यह ध्यान रहे कि छिड़काव सदैव ओस खत्म हो जाने के बाद किया जाए साथ में सफेद मक्खी एवं माहू को नियंत्रित करने के लिए वाइपर प्लस अथवा एकतारा नामक कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी. इसके लिए 2ml कीटनाशक को 1 लीटर पानी कि दर से घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी है.

उन्होंने कहा कि मटर की फसल में मौसम बारिश हो जाने पर सब्जी में अधिक नुकसान होने की संभावना है. जैसे ही बारिश खत्म होगी चटकीली धूप निकलेगी, जिससे सब्जी मटर के ऊपर भम्भुआ (असिता) का प्रकोप बढ़ेगा. इस बीमारी से पौधों की पत्तियां, तने, शाखाएं तथा फलियां, बुकनी जैसे पदार्थ से ढक जाती हैं. रोकथाम के लिए सल्फर युक्त रसायन हेक्साल, एलोसाल, सल्फेक्स, में से किसी एक रसायन की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर अथवा कैराथेन एक मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर रोग प्रकट होने पर छिड़काव करें तथा 15 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार पूरा छिड़काव दोहराएं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details