नई दिल्ली/लखनऊ:तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड मामले में शुक्रवार से औपचारिक रूप से ट्रायल शुरू कर दिया है. कोर्ट ने गवाहों के बयान इन-कैमरा सुनवाई के दौरान दर्ज किए. इस मामले में 17 अगस्त को भी गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे. 14 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पॉक्सो की अन्य धाराओं के तहत अतिरिक्त आरोप तय करने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने पॉक्सो की धारा 5 सी और 6 भी जोड़ने का आदेश दिया था. साथ ही एक लोकसेवक के यौन उत्पीड़न करने का आरोप भी तय करने का आदेश दिया था. बता दें कि इन धाराओं के तहत दस साल कैद की सजा का प्रावधान है.
इन-कैमरा दर्ज हो रहे हैं बयान
कोर्ट ने इस मामले में गवाहों के बयान इन-कैमरा दर्ज करने का आदेश दिया था. इन कैमरा सुनवाई का मतलब है कि पीड़ित और आरोपी पक्ष के अलावा सुनवाई के दौरान कोर्ट में तीसरा कोई मौजूद नहीं होगा. 9 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप, पॉक्सो और अपहरण की धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 363, 376 और पॉक्सो के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था.
अब तक की सुनवाई का हाल
13 अगस्त
13 अगस्त को पीड़िता के पिता को गलत तरीके से आर्म्स एक्ट के तहत फंसाये जाने के मामले में कोर्ट ने आरोप तय करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर और तीन पुलिसकर्मियों पर आर्म्स एक्ट के तहत पीड़िता के पिता को ग़लत तरीके से फंसाने का आरोप तय किया था. कोर्ट ने आर्म्स एक्ट और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के केस को एक साथ टैग करने का आदेश दिया था.
8 अगस्त
8 अगस्त को आर्म्स एक्ट के मामले में सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि जांच में पाया गया कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने घटना की रिपोर्ट लिखवानी चाही, लेकिन आरोपी विधायक के प्रभाव की वजह से कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं, लेकिन उस पर कार्रवाई तब की गई जब 7 अप्रैल 2018 को पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की. 3 अप्रैल 2018 को उसके पिता को आरोपी विधायक के भाई ने सरेआम बुरी तरह पीटा. सीबीआई ने कहा था कि जांच में ये भी पाया गया कि स्थानीय थाने की पुलिस और अधिकारियों ने इसकी शिकायतों पर कोई गौर नहीं किया और लापरवाही बरती.
7 अगस्त
7 अगस्त को आरोपी विधायक के खिलाफ रेप के मामले में सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा था कि आरोपी पर रेप के आरोप बिल्कुल सही हैं. सीबीआई और पीड़िता की मां की ओर से वकील धर्मेन्द्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत आरोप तय होना चाहिए.