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उत्तर प्रदेश में यूनिफार्म सिविल कोड का माहौल बनाएगी भाजपा, अगस्त तक चलेगा अभियान - देश में भाजपा का एजेंडा

समान नागरिक संहिता को लेकर भारतीय जनता पार्टी जुलाई और अगस्त में बड़ा अभियान चलाने की योजना बना रही है. इसके लिए अभी से सोशल मीडिया पर प्रचार तेज कर दिया है. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं.

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Published : Jun 16, 2023, 10:53 PM IST

उत्तर प्रदेश में यूनिफार्म सिविल कोड का माहौल बनाएगी भाजपा. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लेकर भारतीय जनता पार्टी बड़ा अभियान चलाएगी.जिसको लेकर प्रमुख जिम्मेदारी सोशल मीडिया विभाग को दी गई है. जून-जुलाई और अगस्त में भाजपा वर्चुअल दुनिया में कॉमन सिविल कोड का प्रचार करेगी. जिसके जरिए जनता के बीच में माहौल बनाया जाएगा. माना जा रहा है कि मानसून या शीतकालीन सत्र के दौरान इस बिल को सरकार पेश कर सकती है. फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए हैं. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत के सबसे बड़े इस्लामिक विश्वविद्यालय नदवा में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. ऐसे ही अलग-अलग नेता यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. केंद्रीय विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता को लेकर विभिन्न धार्मिक संगठनों और लोगों से अगले एक महीने के भीतर उनसे अपनी राय मांगी है. जिसमें लोगों से इस संबंध में राय मांगी गई है.

उत्तर प्रदेश में यूनिफार्म सिविल कोड का माहौल बनाएगी भाजपा.


समान नागरिक संहिता क्या और क्यों है विवाद

लंबे समय से इस पर बहस चल रही है और लंबे समय से कुछ राजनीतिक एवं सामाजिक सुधार आंदोलनों द्वारा इसकी मांग की जाती रही है. इसको भारतीय संविधान में एक निर्देशक सिद्धांत के रूप में शामिल किया गया है. जिसका अर्थ यह है कि यह विधिक रूप से प्रवर्तनीय तो नहीं है, लेकिन सरकार एक मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में इसका अनुपालन कर सकती है. समान नागरिक सहिंता के समर्थकों का तर्क है कि यह समानता एवं पंथनिरपेक्षता को बढ़ावा देगी जबकि इसके विरोधियों का तर्क है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करेगा. कुल मिलाकर, भारत में UCC पर जारी बहस देश में विधि, धर्म और संस्कृति के बीच के जटिल एवं संवेदनशील संबंधों को उजागर करती है. समान नागरिक संहिता (UCC) भारत के लिए प्रस्तावित एक विधिक ढांचा है जो देश के सभी नागरिकों के लिए-चाहे वे किसी भी धर्म से संबंधित हों, विवाह, तलाक, गोद लेने एवं उत्तराधिकार जैसे व्यक्तिगत विषयों से संबंधित सार्वभौमिक या एक समान कानूनों को संहिताबद्ध और लागू करेगा. इस संहिता की आकांक्षा संविधान के अनुच्छेद 44 में दर्ज है. राज्य, भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता प्राप्त कराने का प्रयास करेगा.



भाजपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस संबंध में खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया विभाग को निर्देशित किया गया है कि महा जनसंपर्क अभियान के बाद इस पर जुट जाना है. समान नागरिक संहिता को लेकर देशभर में माहौल तैयार करना है. जिससे बिल पास करने के दौरान इसके समर्थन में लोग जुड़ सकें. भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेता इस संबंध में ट्वीट कर रहे हैं. अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर भी प्रचार कर रहे हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नदवा कॉलेज जा रहे हैं. जहां इस संबंध में बातचीत किए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है. आने वाले समय में यह प्रक्रिया और जोर पकड़ेगी. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अवनीश त्यागी ने बताया कि निश्चित तौर पर समान नागरिक संहिता हमारे एजेंडे में शामिल हैं. आने वाले समय में इसको देश में लागू करके पूरे देश को एक समान व्यवस्था में लाया जाएगा. हम हमेशा से एक विधान एक प्रधान और एक निशान की बात करते हैं.

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