लखनऊःकोरोना महामारी की इस आपदा में जहां लोगों की जाने जा रही हैं. वहीं संक्रमण के डर से अर्थियों को कंधा देने से भी लोग कतरा रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी और इलाज न मिल पाने के कारण भारी संख्या में मौतें हो रही हैं. ऐसे हालात में अस्पताल और घरों से शवों को श्मशान घाट ले जाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी वाहनों की कमी हो गई है. जिन परिवारों में सभी लोग संक्रमित हैं और उनमें से किसी एक सदस्य की मौत हो जा रही है तो उसे श्मशान घाट ले जाने वाला या उनकी अंत्येष्टि करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में राजधानी लखनऊ की गुरुद्वारा कमेटी और उम्मीद संस्था के संयुक्त तत्वाधान में शव वाहन चलाने की शुरुआत की गई है.
कोरोना से मृत्यु होने पर शवों को पहुंचाएंगे श्मशान घाट
शव वाहन सेवा के अंतर्गत यदि किसी भी समुदाय के व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु होती है तो उसके शव को अंत्येष्टि स्थान पर निशुल्क शव वाहन से पहुंचाया जाएगा. साथ ही संस्था के वॉलिंटियर शव वाहन के साथ अस्पताल या घरों से शवों को लेकर अंत्येष्टि तक की जिम्मेदारी निभाएंगे. बीते 5 मई से शुरू हुई इस सेवा से कई परिवारों को राहत मिल रही है.