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बारह रबी-उल-अव्वल पर उलेमाओं की अपील, सादगी से मनाएं त्योहार

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Published : Oct 28, 2020, 9:10 PM IST

मुसलमानों का त्योहार बारह रबी-उल-अव्वल 30 अक्टूबर को देशभर में मनाया जाएगा. इसको लेकर उलेमाओं ने इस खास दिन को भी बेहद सादगी से मनाने की अपील की है. वहींं मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने इस मुबारक मौके पर मुसलमानों से पेड़ लगाने की अपील भी की है.

बारह रबी उल अव्वल पर उलेमाओं ने मुसलमानों से की अपील.
बारह रबी उल अव्वल पर उलेमाओं ने मुसलमानों से की अपील.

लखनऊ: मुसलमानों के बड़े त्योहारों में से एक बारह रबी-उल-अव्वल 30 अक्टूबर को देशभर में मनाया जाएगा. कोरोना काल में बीते त्योहारों की तरह उलेमाओं ने इस खास दिन को भी बेहद सादगी से मनाने की अपील की है. पैगम्बर मोहम्मद साहब की याद में मनाए जाने वाले इस खास दिन पर हर साल बड़े पैमाने पर धार्मिक आयोजनों के साथ जुलूस निकाले जाते रहे हैं, लेकिन महामारी को देखते हुए उलेमा ने मुसलमानों से आयोजनों की रकम गरीबों की शिक्षा और पर्यावरण को बचाने के लिए पेड़ लगाकर सादगी से मनाने की अपील जारी की है.

बारह रबी-उल-अव्वल पर उलेमाओं ने की अपील.

पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की याद में रबी-उल-अव्वल महीने की 11 तारीख को देशभर में मिलाद और जलसे होते हैं. इस दिन जगह-जगह रोशनी कर लोग बड़े आयोजन कर खुशी मनाते हैं. वहीं बारह रबी उल अव्वल को लाखों की संख्या में लोग शरीक होकर शहरों में जुलूस निकालकर अपने नबी मोहम्मद साहब को याद करते हैं. हालांकि इस बार कोरोना वायरस को देखते हुए सरकार की गाइडलाइंस पर अमल करते हुए उलेमा ने इस बार इस खास दिन को बेहद सादगी से मनाने का इरादा किया है. मोहम्मद साहब की बताई हुई शिक्षा पर अमल करते हुए इन आयोजनों में खर्च होने वाली रकम को गरीब तबके के बच्चों की शिक्षा में लगाने और फीस जमा कराने के साथ उनको फूड पैकेट्स बांटकर इस दिन को मनाने की अपील की गई है.

'पर्यावरण को बचाने के लिए मोहम्मद साहब की तालीम पर करें अमल'
गरीब तबके की मदद के साथ मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने मुसलमानों से अपील कर कहा है कि बारह रबी-उल-अव्वल के मुबारक मौके पर लोगों को चाहिए कि अच्छे पर्यावरण और पैगम्बर-ए-इस्लाम की तालीमात पर अमल करते हुए पेड़ लगाएं. क्योंकि पैगम्बर ए इस्लाम का संदेश था कि जिस किसी ने एक पौधा भी लगाया और जब तक उस पौधे से इंसान और जानवर फायदा उठाते रहेंगे तो उसका सवाब पेड़ लगाने वाले को मिलता रहेगा. मौलाना ने बारह रबी-उल-अव्वल के मौके पर लोगों से खास अपील करते हुए कहा कि इस मौके पर लोग खास तौर पर कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन करें.

क्या है बारह रबी उल अव्वल का इतिहास?
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बारह रबी-उल-अव्वल के मौके पर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं के के बारे में बताते हुए कहा कि बारह रबी-उल-अव्वल के मुबारक मौके पर अल्लाह ने अपने पैगम्बर को पूरे आलम की रहनुमाई के लिए दुनिया में भेजा था. इस मौके पर जो पैगम्बर-ए-इस्लाम का शिक्षा, इंसानियत और आपसी भाईचारे का पैगाम है, उसे आम करना चाहिए और मुल्क की तरक्की और हिफाजत को लेकर कोरोना जैसी महामारी को रोकने के लिए दुआ करनी चाहिए.

उलेमा की अपील का मुसलमानों ने किया स्वागत
बारह रबी-उल-अव्वल के मौके पर उलेमा ने कोविड-19 के खतरे को देखते हुए लोगों से भीड़-भाड़ वाले आयोजन और जुलूस को न निकालने की अपील की है, तो वहीं मुसलमानों ने भी उलेमा की अपील पर हामी जताते हुए कहा कि जिस तरीके से रमज़ान, ईद, बकरीद, मोहर्रम और अन्य त्योहारों में कोविड-19 की गाइडलाइंस का पालन किया गया है. वैसे ही बारह रबी-उल-अव्वल के मौके पर सादगी के साथ आयोजन किया जाएगा.

30 अक्टूबर को मनेगा बारह रबी-उल-अव्वल का त्योहार
इस्लामिक महीना रबी-उल-अव्वल की बारह तारीख यानी 30 अक्टूबर को पूरे देश में बारह रबी-उल-अव्वल का पर्व सादगी के साथ मनाया जाएगा, जिसमें घरों में महफिलें, मिलाद के आयोजन और मस्जिदों में कम संख्या के साथ ऑनलाइन जलसे आयोजित कराए जाएंगे.

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