लखनऊ: मोहर्रम में पर्यावरण को बचाने के लिए मुस्लिम समाज की एक बेहतरीन पहल नजर आ रही है. शिया उलेमा ने अपील की है कि मोहर्रम के दौरान साफ-सफाई के साथ पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक से बनी चीजों का इस्तेमाल न करें. प्लास्टिक की जगह मिट्टी से बनी चीजों का इस्तेमाल करें.
उलेमा ने की मोहर्रम पर मिट्टी के बर्तनों को इस्तेमाल करने की अपील. मोहर्रम पर स्टालों पर मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल-
मोहर्रम में प्यासे को पानी पिलाने के लिए लगाई जाने वाली सैकड़ों सबीलों (स्टाल) पर प्लास्टिक की जगह मिट्टी के बर्तनों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. कर्बला के शहीद इमाम हुसैन की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम में बड़े पैमाने पर इमाम हुसैन से अकीदत रखने वाले लोग मोहर्रम के दौरान जुलूस और मजलिसों में सबीलों का बड़े पैमाने पर एहतिमाम करते है. इस दौरान लोगों को तबर्रूक (प्रसाद) वितरण किया जाता है.
सरकार प्लास्टिक की रोकथाम के लिए सतर्क-
इस बार मोहर्रम में लखनऊ में लगने वाली सबीलों पर प्लास्टिक के बर्तन न इस्तेमाल करके मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल होते नजर आ रहे हैं, जिसका मकसद साफ-सफाई के साथ प्लास्टिक की रोकथाम भी है. प्लास्टिक की रोकथाम के लिये भारत की सरकार भी काफी संजीदा है, जिसका असर भी दिखाई दे रहा है. शिया मौलाना सैफ अब्बास ने भी लोगों से प्लास्टिक की रोकथाम के लिए लोगों से प्लास्टिक न इस्तेमाल करने की अपील की है.