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लखनऊ यूनिवर्सिटी में UG के कई पाठ्यक्रमों की काउंसलिंग शुरू, जानिए कितना है शुल्क

लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) में यूजी (UG) के कई कोर्स की काउंसलिंग शुरू हो गई है. बीजेएमसी, बीएससी एग्रीकल्चर, बीएलएड समेत कई तरह के कोर्सों में दाखिले होने हैं. कॉलेज आवंटित न होने की दशा में अभ्यर्थी को एडवांस फीस लौटी दी जाएगी.

लखनऊ यूनिवर्सिटी में यूजी की काउंसलिंग शुरू.
लखनऊ यूनिवर्सिटी में यूजी की काउंसलिंग शुरू.

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Published : Sep 22, 2021, 2:49 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए स्नातक के विभिन्न कोर्स में प्रवेश के लिए बुधवार से च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके लिए अभ्यर्थी को 200 रुपये और एडवांस फीस के रूप में 500 रुपये (कुल 700 रुपये) जमा करने होंगे. यदि अभ्यर्थी को उसके दिए गए विकल्पों के कॉलेज आवंटित नहीं होते हैं तो एडवांस फीस लौटा दी जाएगी. कॉलेज आवंटित होने पर एडवांस फीस शेष फीस में समायोजित कर दी जाएगी.

काउंसलिंग के तहत च्वाइस फिलिंग उन सभी अभ्यर्थियों को करनी हैं, जिनका नाम और रैंक ओवरऑल (प्रोविजनल) मेरिट लिस्ट में है. ऑनलाइन काउंसलिंग के तहत अभ्यर्थी को अपनी लॉगिन आईडी (जो फार्म भरने के समय मिली हो) का प्रयोग करके कालेज एवं विश्वविद्यालय की च्वाइस फिलिंग अपनी प्राथमिकता के आधार पर करनी होगी. लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक की करीब 3500 सीटें हैं. इन पर दाखिले के लिए करीब 48,000 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किए थे.

बीजेएमसी, बीएससी एग्रीकल्चर, बीएलएड, एलएलबी इंटीग्रेटेड 5 ईयर प्रोग्राम, बीसीए, बीबीए, बीएफए/बीबीए, बी कॉम (एनईपी) 4 वर्षीय पाठ्यक्रम और बीकॉम ऑनर्स के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी. लखीमपुर खीरी, हरदोई, सीतापुर और रायबरेली के ज्यादातर निजी कॉलेजों में इस समय दाखिले की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है. यहां के कॉलेज संचालकों की तरफ से लगातार लखनऊ विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर फीस को लेकर फैसला लेने को कहा जा रहा है.

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खीरी सेल्फ फाइनेंस डिग्री कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंह का कहना है कि इतनी अधिक बढ़ी हुई फीस दे पाना, यहां के छात्रों और अभिभावकों के लिए संभव ही नहीं है. जब तक विश्वविद्यालय की तरफ से फीस को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होती है, तब तक इन कॉलेजों में दाखिले की प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाएगी. संगठन के संजीव कुमार का कहना है कि छात्रों को सीधा नुकसान हो रहा है.

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