लखनऊः लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के 6 हजार फ्लैट में से करीब ढाई हजार फ्लैट खाली हैं. अनेक बार कोशिश करने के बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण के ये गुणवत्ताविहीन फ्लैट खरीदने वाले समाने नहीं आ रहे हैं. कहीं जगह कम है तो कहीं निर्माण खराब है. कहीं दाम बहुत अधिक है और कहीं खराब लोकेशन में लखनऊ विकास प्राधिकरण ने महंगे फ्लैट बना दिये हैं. जिसकी वजह से खरीदार नहीं मिल रहे हैं. मजे की बात ये है कि एक करोड़ रुपये का फ्लैट होने के बावजूद गोमती नगर विस्तार के सरयू अपार्टमेट के करीब सभी फ्लैट बिक चुके हैं.
इसकी वजह ये है कि वहां अपेक्षाकृत गुणवत्ता और लोकेशन शानदार है. मगर बाकी जगह जिस तरह के फीडबैक आ रहे हैं, उसमें लॉटरी न होने के बावजूद और सभी तरह की सुविधाएं देने के बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण फ्लैट को नहीं बेच पा रहा है. इन फ्लैटों में जनता की गाढ़ी कमाई का करीब पांच हजार करोड़ रुपये फंसा हुआ है.
एलडीए ने इन फ्लैटों का निर्माण साल 2014 के बाद से शुरू किया. अधिकांश फ्लैटों का निर्माण उस वक्त हुआ जब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. देवपुर पारा कानपुर रोड सीतापुर रोड अलीगंज कुर्सी रोड सीजी सिटी में इन फ्लैटों का निर्माण किया गया. करीब 6 हजार फ्लाइट शुरुआत में बनाये गये थे. आवंटन होने के बाद करीब 3500 फ्लैट बचे रहे. उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जब 2017 में आई उसके बाद लखऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बने प्रभु एन सिंह ने इन फ्लैटों को बेचने का कई बार प्रयास किया. उन्होंने इनकी कीमत 25 फीसदी तक घटा दी थी. इसके बाद ही लॉटरी व्यवस्था को खत्म करके पहले आओ पहले पाओ की स्कीम शुरू की. इसके बावजूद इन साढ़े तीन हजार में से बमुश्किल कुछ सौ ही फ्लैट बिक सके. अभी भी ढाई हजार फ्लैट खाली हैं. जिनको खरीदने वाले खरीदार लखनऊ विकास प्राधिकरण ढूंढ नहीं पा रहा है.