लखनऊ :केजीएमयू में इलाज के लिए दो नए सेंटर बनेंगे. इनके लिए शासन से जमीन की डिमांड की गई है. वहीं, बाहर से दवा लिखने वाले डॉक्टरों पर अब नजर रहेगी. इसके लिए प्रिसक्रिप्शन ऑडिट लागू करने का एलान किया गया है.
केजीएमयू के कुलपति डॉ. विपिन पुरी का एक साल हो गया. बुधवार को एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि केजीएमयू में इंफेक्शन डिजीज (संक्रामक रोग) के इलाज के लिए सेंटर बनेगा. दूसरा इंस्टिट्यूट ऑफ वीमेन हेल्थ केयर सेंटर बनेगा. इसके लिए शासन से जमीन की डिमांड की गई है.
इसके अलावा संस्थान में प्रिसक्रिप्शन ऑडिट (prescription audit) लागू किया जाएगा. इसे फार्माकोविजिलेंस कहा जाएगा. यह टीम ओपीडी में मरीजों को लिखी जा रही दवा का निरीक्षण करेगी. इसमें डॉक्टर किस कंपनी की दवा, किस बीमारी में मरीज को लिख रहे हैं, अंदर की दवा क्यों नहीं लिख रहे हैं, जेनरिक के बजाय ब्रांडेड दवा क्यों लिख रहे हैं, इन सभी मामलों पर टीम रिपोर्ट तैयार करेगी.
संबंधित डॉक्टरों से पूछताछ भी की जाएगी. वहीं, वार्ड में भर्ती किसी मरीज को दवा की डोज देने पर कोई रिएक्शन हुआ है तो उसे डॉक्टर को पत्र में लिखकर केजीएमयू प्रशासन को भेजना होगा. संस्थान प्रशासन संबंधित कंपनी से जवाब-तलब करेगी.
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इन योजना का भी दावा
- केजीएमयू में डॉक्टरों की रिटायरमेन्ट आयु को 65 से 70 वर्ष की जाएगी. अभी सिर्फ एम्स दिल्ली, चंडीगढ़ में यह नियम है.
- मेडिकल अंकोलॉजी, थोरेसिक और वस्कुलर सर्जरी विभाग को फैकल्टी दिया गया. जल्द विभाग शुरू होंगे.
- संस्थान में रोबोटिक सर्जरी होगी. इसके लिए तीन कंपनियों से बात चल रही है.
- पुणे के बाद केजीएमयू बनाएगा, बीएसएल-4 लैब. स्टेट की एडवांस लैब होगी.
- मेडिकल छात्रों को इलेक्टिव स्टडी का मौका मिलेगा. इसमें जीनोमिक मेडिसिन, बायोकेमिस्ट्री आदि शामिल हैं.