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Published : Aug 9, 2021, 10:32 PM IST

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संजय गांधी नगर में डायरिया से दो की मौत, 80 बीमार

सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि उल्टी-दस्त प्रभावित इलाके में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई है। शिविर लगाकर पीड़ितों को दवाएं बांटी गई हैं. क्लोरीन टैबलेट भी दिए गए हैं ताकि पानी शुद्ध किया जा सके. सभी को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है. बीमारी के कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं. पानी की जांच कराई जा रही है.

संजय गांधी नगर में डायरिया से दो की मौत, 80 बीमार
संजय गांधी नगर में डायरिया से दो की मौत, 80 बीमार

लखनऊ : शहर में गंदे पानी की सप्लाई से फैला संक्रामक रोग जानलेवा बन गया है. सोमवार को बालू अड्डा स्थित संजय गांधी नगर में उल्टी-दस्त से मासूम समेत दो की मौत हो गई जबकि 80 लोग डायरिया की चपेट में आ गए.

इनमें बच्चों की संख्या अधिक है. 12 मरीजों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने अस्पताल में भर्ती मरीजों की सेहत का हाल लिया. प्रभावित इलाके का निरीक्षण किया. विभागीय टीम ने इलाके में प्रभावितों को दवाएं बांटीं.

बालू अड्डा निवासी हुसैन अली ने बताया कि उनके साढ़े 11 माह के बेटे हमजा को सुबह उल्टी-दस्त शुरू हुई. स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए तो उन्होंने बच्चे को महानगर स्थित निजी डॉक्टरों को दिखाने की सलाह दी.

वहां जाने पर भी बच्चे को दिखाया नहीं जा सका. वहां से सिविल अस्पताल ले जाते समय रास्ते में बच्चे ने दम तोड़ दिया. कुछ ही समय बाद कानपुर से अपने जीजा लालजी के घर आए किशोर विकास राजभर (16) की भी उल्टी-दस्त शुरू हो गई. जब तक परिवारीजन उसे अस्पताल ले जाते उसकी सांसें थम गईं. परिजन शव लेकर कानपुर चले गए.

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मचा कोहराम :इलाके में देखते-देखते कोहराम मच गया है. हर घर में एक-दो लोग बीमारी की चपेट में आने लगे. दोपहर करीब दो बजे स्थिति बिगड़ने लगी. आठ से 10 बच्चों की हालत बिगड़ने लगी. आनन-फानन परिवारीजन बच्चों को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने मरीजों को भर्ती कर इलाज शुरू किया. बड़ी संख्या में लोग आस-पास की क्लीनिक से इलाज करा रहे हैं. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंद के मुताबिक 12 मरीज भर्ती हैं. इनमें बच्चों की संख्या 10 है. सभी की तबीयत स्थिर है.

वहीं, सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि उल्टी-दस्त प्रभावित इलाके में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई है। शिविर लगाकर पीड़ितों को दवाएं बांटी गई हैं. क्लोरीन टैबलेट भी दिए गए हैं ताकि पानी शुद्ध किया जा सके. सभी को पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है. बीमारी के कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए गए हैं. पानी की जांच कराई जा रही है.


अस्पताल में भर्ती मरीज

सफी (9), मुनीर (5), इरम (5), समरीन (5), शिवम (17), रिया (8), रश्मी (4), शमा बानो (17) और गौरिया (35) को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


इनका घर पर चल रहा इलाज

आकाश (16), उमंग (12), सायरा (16), मानस (4), इरम (10), अनीस (5), साजिदा (18), सुनैना (17), मोनू कश्यप (24), रियार (8), गुड़िया (35) समेत कई लोग उल्टी-दस्त की चपेट में हैं.

गंदा पानी पीने से दो दर्जन से अधिक बच्चे हुए बीमार, जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान?

राजधानी लखनऊ में सीवर का गंदा पानी घरों में आने की वजह से उसे पीने से लगभग दो दर्जन से अधिक बच्चे बीमार होकर हॉस्पिटल पहुंच गए. बीमार बच्चों की संख्या अचानक से सिविल अस्पताल में बढ़ने से डॉक्टर भी चिंतित होते नजर आए.

हालांकि हॉस्पिटल में आए बीमार बच्चों में 6 बच्चे ठीक होकर अपने घर वापस चले गए हैं जबकि तीन बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है. छोटे मासूम बच्चों को पेट खराबी और दर्द की शिकायत ज्यादा मिल रही है. यह शिकायत पानी में गंदगी आने की वजह से होना बताया जा रहा है.

बता दें कि यह पूरा मामला हजरतगज इलाके के बालू अड्डा के पास नाले किनारे बनी बस्ती का है. स्थानीय राजू का कहना है कि कुछ दिनों से उनके घरों में लगे पानी कनेक्शन से गंदा पानी आ रहा है. उसकी कई बार जलनिगम में शिकायत की गई लेकिन उसके बावजूद भी पानी साफ नहीं मिल रहा है.

इसके कारण मजबूरी में ही उसी पानी का स्तेमाल खाना बनाने और नहाने धोने में किया जा रहा है लेकिन इस गंदे पानी की वजह से उनके आस-पास रहने वाले लगभग 25 बच्चे बीमार हो चुके हैं.

इसमें से कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई गई है. इस घटना से बालू अड्डा के पास निवास करने वालों में आक्रोश भी देखने को मिला है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि गंदा पानी पीने से दो मासूम बच्चों की मौत भी हो चुकी है. उसके बावजूद भी कोई इस समस्या का समाधान करने के लिए नहीं आ रहा है

वहीं, इस मामले पर सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर एस. के. नंदा का कहना है कि रविवार रात से अब तक लगभग 20 से अधिक बच्चे अस्पताल आ चुके हैं. इसमें से 6 बच्चे ठीक होकर वापस घर चले गए है. कुछ बच्चे अभी भी हॉस्पिटल में भर्ती हैं जिनका इलाज किया जा रहा है.

वहीं, इस मामले पर जलकल विभाग जोन-1 के अधिशासी अभियंता अवनीश श्रीवास्तव ने कहा कि उनके पास अभी तक इस बात की कोई शिकायत नहीं आई है. पानी की आपूर्ति टेस्टिंग के बाद ही दी जाती है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से उनतक पहुंची है. वह खुद मौके पर पहुंचकर जांच करेंगे. अगर पानी गंदा पाया जाता है तो उस समस्या का समाधान किया जाएगा.

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