लखनऊ: जिले में स्थित केंद्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) की ओर से दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें ट्रेनिंग के तहत बुंदेलखंड के 14 जिलों के किसानों को आर्थिक स्थिति को बदलने के लिए सगंध फसलों की जानकारी प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से दिया जा रहा है.
दो दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन लॉकडाउन के बाद किसान दूसरे राज्यों को छोड़कर अपने राज्यों को वापस आ गए हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से कम खेतिहर जमीन वाले किसानों के लिए सीमैप की ओर से ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमें दो दिवसीय ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है. इसमें किसानों को यह बताया जा रहा है कि ऐसी फसलों के उत्पादन करें जिससे कम लागत में अच्छी उपज से ज्यादा आर्थिक लाभ हो.इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड के 14 जिलों के किसानों ने भाग लिया. जिसमें किसानों को उन्नत किस्म की फसलों की जानकारी दी गई. सूखे क्षेत्र में भी ऐसे फसल लगाया जाए जिसका उत्पादन ज्यादा से ज्यादा हो सके जैसे खस, मेंथाल, मिंट, खसखस खेती के विषय में जानकारी दी गई. सीमैप निदेशक प्रबोध कुमार ने बताया कि सीमैप की ओर से 2 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड के 14 जिलों के किसानों ने भाग लिया. वही बुंदेलखंड को एरोमेटिक हब बनाने हेतु सीमैप तीन अन्य प्रयोगशालाओं जैसे सीएसआईआर, आईआईएम जम्मू एफएफडीसी कन्नौज तथा बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से योजना चलाई जा रही है. इस योजना से बुंदेलखंड के किसानों की आर्थिक स्थिति को बदलने के लिए सगंध फसलों की जानकारी इस कार्यक्रम के माध्यम से दी जा रही है.