लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट टेक्निकल एक्जीक्यूटिव ऑफिसर्स एसोसिएशन बेंगलुरु और उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग क्षेत्रीय निरीक्षक (तकनीकी) सेवा एसोसिएशन की तरफ से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन शिरकत की. सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए सड़क सुरक्षा की बेहतर तकनीकी पर बेंगलुरू और यूपी के तकनीकी विशेषज्ञों ने मंथन किया. परिवहन मंत्री ने कहा कि 'सड़क सुरक्षा पर जो भी आप लोग दो दिन मंथन करेंगे उसका जो भी सार निकलेगा उस पर सबसे पहले उत्तर प्रदेश ही मंथन करेगा.'
दुर्घटनाओं के मामले में उत्तर प्रदेश चौथे नंबर पर :इस मौके पर परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने कहा कि 'जनसंख्या की दृष्टि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है. दुर्घटनाओं के मामले में उत्तर प्रदेश चौथे नंबर पर है. हमसे कम जनसंख्या वाले राज्य हमसे आगे हैं. देश भी हमसे आगे हैं. हम चाहते हैं कि मृत्यु दर में हम लोग और प्रांतों से काफी कम हों, उसके लिए हमें प्रयास करना है. यह तभी संभव है जब सड़क सुरक्षा के नियमों का हम सख्ती से पालन करें. अगर हम प्रशिक्षित लोगों को ही लाइसेंस निर्गत करेंगे तो दुर्घटनाओं में जरूर कमी आएगी. सड़क सुरक्षा के लिए हमें कड़े निर्णय लेने पड़ेंगे. चाहे भले ही किसी को अप्रिय लगे. स्कूलों में जब कोई दुर्घटना हो जाती है और हम लोग जांच करते हैं तो पता चलता है कि वह गाड़ी फिट ही नहीं थी, लेकिन उसे फिटनेस दे दी जाती है. यह बिल्कुल नहीं होना चाहिए. इन सबको देखने की आप सभी की जिम्मेदारी है.'
टोटल लॉस गाड़ियों में हो रहा खेल :परिवहन मंत्री ने कहा कि 'हमें और सख्त कार्रवाई करनी होगी, क्योंकि अक्सर यह देखा जाता है कि जो लोग नोएडा, गाजियाबाद में रहते हैं तो उत्तर प्रदेश में वह चार पहिया वाहन पर चलते हुए सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं, लेकिन जैसे ही दिल्ली की सीमा में प्रवेश करते हैं ऑटोमेटिक सीट बेल्ट लग जाती है. उन्हें मालूम है कि उनका चालान हो जाएगा. ऐसी व्यवस्था उत्तर प्रदेश में क्यों नहीं हो सकती, क्योंकि आज तो उत्तर प्रदेश का उदाहरण तो पूरे देश में आज लोग सुशासन के लिए दे रहे हैं, तो यह व्यवस्था यहां जरूर लागू हो. हमारे एडीजी एसटीएफ ने जानकारी दी है कि टोटल लॉस गाड़ियों में काफी खेल हो रहा है.'