लखनऊ : उत्तर प्रदेश में स्पेशल ओलंपिक में अधिक से अधिक भागीदारी बढ़ाने के लिए स्पेशल ओलंपिक भारत- उत्तर प्रदेश तरफ से अगले एक साल में प्रदेश लेवल पर कई तरह के योजनाओं को अमली जामा पहनाने की तैयारी शुरू कर दी है. एसोसिएशन स्पेशल ओलंपिक के लिए हर जिले में स्पेशल (दिव्यांग) बच्चों को खेलों के प्रति बढ़ावा देने के लिए स्पोर्ट्स सेंटर, मेडिकल हेल्थ व चेकअप के साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर भी शुरुआत करने जा रही है. जिसकी मदद से इन स्पेशल बच्चों को खेलों में आगे लाया जाएगा. एसोसिएशन इसके साथ ही हर जिले में कमेटी का भी गठन होगा. जो जिलों में ऐसे स्पेशल बच्चों को चिन्हित कर उन्हें खेलों से जोड़ने का काम करेगी. साथ ही एसोसिएशन पहले चरण में कानपुर व पश्चिम उत्तर प्रदेश में दो स्पोर्ट्स सेंटर अगले कुछ महीनों में तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. साल के अंत तक पूरे प्रदेश में 10 स्पोर्ट्स सेंटर बनाए जाएंगे.
प्रदेश के हर जिले में 500 लोगों की कमेटी का होगा गठन
स्पेशल ओलंपिक भारत- उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शुक्ला ने बताया कि हमारे संगठन की तरफ से अगले 3 महीना में उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में एक संगठन कमेटी का गठन कर लिया जाएगा. इसके तहत हर जिले में एसोसिएशन की ओर से जिला प्रभारी नियुक्त किया जाएगा. इन जिला प्रभारियों की जिम्मेदारी होगी कि वह अपने जिलों में कम से कम 500 लोगों को अपनी कमेटी से जोड़ें. एक बार जब कमेटी का गठन हो जाएगा तो उनके सभी सदस्यों को पूरे जिले के स्कूलों के हिसाब से बाटकर वहां पर पढ़ने वाले स्पेशल बच्चों को खोजने, उनको खेलों के प्रति जागरूक करने और उन्हें खेलों में आगे ले जाने के लिए जो भी मूलभूत ज़रूरतें हैं. उसे मुहैया करने में मदद करना होगा. किसी भी जिले में 100 से कम सदस्यों की कमेटी काम नहीं करेगी. इस संगठन का काम उसे जिले में ऐसे टैलेंट को खोजना व उन्हें सही ट्रेनिंग कैसे मिले इसकी पूरी व्यवस्था करनी होगी. जिसे उत्तर प्रदेश के बच्चे स्पेशल ओलंपिक में ज्यादा से ज्यादा हिस्सा ले सके.