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13 वर्षीय बच्चे के पेट से 13 किलो का ट्यूमर निकाला, ऑपरेशन के दौरान था जान का खतरा - retro peritoneum tumor

राजधानी लखनऊ के कल्याण सिंह कैंसर इंस्टिट्यूट के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर 13 वर्षीय का 13 साल पुराना 13 किलो का ट्यूमर पेट से निकाला गया. कैंसर इंस्टीट्यूट में 13 वर्षीय प्रियांशु को कुछ दिन पहले भर्ती किया गया था.

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Published : Dec 6, 2022, 7:41 AM IST

लखनऊ :राजधानी लखनऊ के कल्याण सिंह कैंसर इंस्टिट्यूट के डॉक्टरों ने जटिल ऑपरेशन कर 13 वर्षीय का 13 साल पुराना 13 किलो का ट्यूमर पेट से निकाला गया. कैंसर इंस्टीट्यूट में 13 वर्षीय प्रियांशु को कुछ दिन पहले भर्ती किया गया था. डॉक्टरों के मुताबिक प्रियांशु को बचपन से पेट में ट्यूमर बन गया था. धीरे-धीरे ट्यूमर इतना बड़ा हो हो गया कि रोजाना की गतिविधियों में परेशानी आने लगी और चलने में भी दिक्कत होने लगी था. बच्चे के पेट में ट्यूमर 13 किलो का हो गया था और कई आंर्गन जैसे कि डायाफ्राम, बड़ी आंत छोटी आंत, गुर्दे और बड़ी खून की नसों में चिपका हुआ था.

कल्याण सिंह कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर आरके धीमान (Professor RK Dhiman, Director of Kalyan Singh Cancer Institute) ने बताया कि बच्चों में रेट्रो पेरिटोनियम ट्यूमर (retro peritoneum tumor) कम होते हैं और अगर जल्दी इलाज कर दिया जाए तो सही भी हो जाते हैं. प्रियांशु को भी यही बीमारी थी, लेकिन सर्जिकल ऑनकोलॉजी के डॉक्टर अंकुर वर्मा, डॉ दुर्गेश कुमार और डॉ. अशोक कुमार सिंह ने ऑपरेशन को पूरा किया.

डॉ अंकुर ने बताया कि ट्यूमर का आकार और वजन बढ़ने के कारण मरीज के ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां थीं. इसमें सबसे बड़ी चुनौती ट्यूमर को फटने से बचाना था. टीम में मौजूद कई विभाग के कुशल डॉक्टरों की वजह से यह ऑपरेशन सफल हो पाया कल्याण सिंह कैंसर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रोफेसर आर के धीमान ने बताया कि अक्टूबर 2022 से संस्था में अत्यधिक जटिल कैंसर के ऑपरेशन शुरू किए गए हैं. जिनमें आहार नली फेफड़े एवं पैंनक्रियास कैंसर के कई मरीजों को सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर घर भेजा गया. संस्था प्रदेश में कैंसर के मरीजों को विश्व स्तरीय सेवाएं उपलब्ध कराने के पद पर अग्रसर है.

मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला में बने 43 आयुष्मान कार्ड :परिवार कल्याण कार्यक्रमों के तहत बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में मेले में आने वाले लोगों को बताया जा रहा है और इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधन भी मुहैया कराए जा रहे हैं. इसके अलावा ओपीडी की सेवाओं के साथ ही फाइलेरिया, दिमागी बुखार, टीबी, मलेरिया, डेंगू, एवं कुष्ठ रोग से सम्बंधित जानकारी, आवश्यक जांच, उपचार और संदर्भन (रेफर) की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं. आरोग्य मेले के दौरान स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित अन्य कार्यक्रमों के स्टॉल लगाए गए. मेले में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग(आईसीडीएस) ने भी अपना स्टाल लगाया. जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित इस आरोग्य मेले का कुल 4298 लोगों ने लाभ उठाया. जिसमें 1642 पुरुष, 1973 महिलायें और 683 बच्चे शामिल हैं. इस दौरान आयुष्मान भारत योजना के 43 लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड भी बनाए गए. इसके साथ ही 47 लोगों ने कोविड एंटीजन टेस्ट कराया, सभी निगेटिव आए. एमवेड के सहयोग से डेंगू से बचाव के लिए नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन सामान्य को जागरूक किया गया.

इधरप्रमुख सचिव चिकित्‍सा, स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग उत्‍तर प्रदेश ने बाराबंकी जिला अस्‍पताल को भारत सरकार द्वारा नेशनल क्‍वालिटी एश्‍योरेंस स्‍टैण्‍डर्ड के अंतर्गत 82 प्रतिशत अंक प्राप्‍त कर नेशनल क्‍वालिटी एश्‍योरेंस सर्टिफि‍केट प्राप्‍त करने पर हर्ष जताते हुए मुख्‍य चिकित्‍सा अधीक्षक एवं उनकी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. प्रमुख पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सीएमएस डॉ बृजेश कुमार को लिखे अपने पत्र में लिखा है कि जिला चिकित्‍सालय को यह गौरव आपके कुशल नेतृत्‍व एवं चिकित्‍सालय टीम के अथक परिश्रम के कारण ही प्राप्‍त हुआ है. उन्‍होंने लिखा है कि इस उपलब्धि से यह स्‍पष्‍ट है कि हमारा स्‍वास्‍थ्‍य विभाग नित नई उपलब्धियां प्राप्‍त करने की ओर अग्रसर है.

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