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राश‍ि के अनुसार करें हनुमान पूजन, शन‍ि के प्रकोप से ऐसे बचें

हनुमान जी को राम भक्‍त के साथ ही कष्‍टों को दूर करने वाला भी माना गया है. अगर सच्‍चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ उनका जाप किया जाए तो वह हर भय को दूर कर हालात का सामना करने का साहस प्रदान करते हैं.

राश‍ि के अनुसार हनुमान पूजा
राश‍ि के अनुसार हनुमान पूजा

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Published : Sep 28, 2021, 6:36 AM IST

लखनऊ :हनुमान जी को राम भक्‍त के साथ ही कष्‍टों को दूर करने वाला भी माना गया है. अगर सच्‍चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ उनका जाप किया जाए तो वह हर भय को दूर कर हालात का सामना करने का साहस प्रदान करते हैं. चैत्र माह की पूर्णिमा को ही हनुमान जी का जन्म होने के कारण इसी दिन श्री हनुमान जयंती मनाते हैं. नवरात्रि के बाद तुरन्त माता की भक्ति के बाद भक्ति के पर्याय श्री हनुमान जी की भक्ति में साधक डूब जाते हैं और भक्ति के इस अलौकिक आनंद से प्रफुल्लित होते हैं.

महावीर हनुमान को महाकाल शिव का 11वां रुद्रावतार माना गया है. इनकी विधिवत उपासना करने से सभी बाधाओं का नाश होता है. ध्‍यान रखें कि काले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने पर पूजा का नकरात्मक प्रभाव पड़ता है. हनुमान जी की पूजा लाल, और यदि लाल या पीले वस्‍त्र में ही करें.

वैसे अगर राश‍ि के अनुसार हनुमान जयंती पर बजरंगबली की पूजा की जाए तो इसका उत्‍तम फल मिलता है. ज्‍योतिष के जानकार सुजीत महाराज यहां बता रहे हैं कि किस राश‍ि को हनुमान पूजन कैसे करना चाहिए -

मेष

मंगल ही इस राशि का स्वामी है. मंगल से संबंधित द्रव्य सिंदूर यदि श्री हनुमान जी को लगाया जाए तो इस राशि के लोगों की मनोवांछित मनोकामना की पूर्ति होती है. मंगल का संबंध रक्त से भी है. बीपी और मधुमेह के रोगी सवा किलो लड्डू के साथ श्री हनुमान जी को चोला चढ़ाएं तो कष्टों से मुक्ति मिलती है.

वृष

इस राशि का स्वामी है शुक्र. सुगंधित अगरबत्ती और घी का दीपक चौबीस घंटे श्री हनुमान जयंती को जलाएं. जो बालक शिक्षा में कमजोर हैं वो इस दिन श्री हनुमानाष्टक का पाठ करें. चमेली के तेल में सिंदूर लगाके हनुमान जी को अर्पित करें.

मिथुन

इस राशि का स्वामी है बुध. लाल पुष्प के साथ अपराजिता का पुष्प हनुमान जो को चढ़ाएं और उनको वस्त्र अर्पित करें. गदा चढ़ाएं. जो लोग रोग से परेशान हैं वो श्रीहनुमान बाहुक का पाठ करें. विद्यार्थी धार्मिक पुस्तक का इस दिन श्री हनुमान मंदिर में दान करें.

कर्क

इस राशि का स्वामी है चंद्रमा. चंद्रमा का संबंध भगवान शिव से भी है. इसलिए रुद्रावतार श्री हनुमान जी को शिवपुराण अर्पित करें तथा उसका पाठ करें. लाल पुष्प और चमेली के पुष्प अर्पित करें. श्री बजरंग बाण का पाठ करें.

सिंह

इस राशि का स्वामी है सूर्य. सूर्य श्री हनुमान जी के गुरु भी हैं. श्री सुन्दरकाण्ड के साथ साथ श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का भी पाठ करें. श्री बजरंगबली को प्रसान्न करने के लिए श्री राम नाम का संकीर्तन करें.

कन्या

इस राशि का स्वामी है बुध. श्री हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें. श्री रामरक्षा स्तोत्र का भी पाठ करें.

तुला

इस राशि का स्वामी है शुक्र. सुगंधित अगरबत्ती जलाकर घी का दीपक प्रज्जवलित करें और लाल पुष्प और सिंदूर बजरंगबली को चढ़ाएं.

वृश्चिक

इस राशि का स्वामी है मंगल. शनि के प्रकोप से बचने के लिए तिल के तेल का दीपक जलाएं और श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करने के पश्चात मंदिर में प्रसाद बाटें.

धनु

इस राशि का स्वामी है बृहस्पति. श्री राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें. श्री हनुमान जी को श्री राम कथा को कोई प्रिय प्रसंग सुनाएं और मंदिर में श्री रामचरितमानस का दान करें.

मकर

इस राशि का स्वामी है शनि. शनि की साढ़े साती के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी का सम्मुख तिल के तेल का दीपक जलाके श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करें.

कुंभ

इस राशि का स्वामी है शनि. इस राशि के लोग राम नाम की माला हनुमान जी के पहनाएं. श्री हनुमान चालीसा का 108 बार पाठ करें.

मीन

इस राशि का स्वामी है बृहस्पति.श्री हनुमान जयंती के दिन सुन्दरकाण्ड के साथ साथ श्री रामचरितमानस के अरण्यकांड का पाठ भी करें.

इस प्रकार राशि अनुसार हनुमान जी की पूजा करने से कष्ट समाप्त होते हैं. जो जातक बहुत रोगों से पीड़ित हो उसे इस दिन श्री हनुमांबाहुक का पाठ अवश्य करना चाहिए. शिक्षा में उन्नति के लिए श्री हनुमानचालीसा पढ़ें. किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति हेतु श्री बजरंगबाण का पाठ करें. जो लोग राजनीति में सफलता चाहते हैं उनको पूरी रात्रि जागरण करके सुन्दरकांड का 9 बार पाठ करना चाहिए.

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