लखनऊ: मई 1999 में शुरू हुए करगिल युद्ध पर 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना को विजय हासिल हुई थी. इस जंग में करगिल सेक्टर के सबसे दुर्गम पहाड़ी इलाकों करगिल, द्रास और बटालिक पर हमारे भारतीय सैनिकों नें दुश्मन को करारा सबक सिखाया था. देश के लिए शहीद हुए बहादुर सैनिकों की वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता. करगिल दिवस 26 जुलाई को उन्हें याद करने और श्रद्धांजलि देने का दिन है.
शहीद जवानों को पूर्व सैनिकों ने दी श्रद्धांजलि. करगिल विजय दिवस के अवसर पर बहादुरों के गौरव व सम्मान में जिला सैनिक कल्याण लखनऊ में स्थापित स्मारिका पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. ब्रिगेडियर रवि, निदेशक, सैनिक कल्याण निदेशालय, कर्नल बीएस शुक्ला, जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी, लखनऊ और समस्त निदेशालय व जिला सैनिक कल्याण के कर्मचारियों ने करगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीद सैनिकों को पुष्पांजलि अर्पित किए.
सपा कार्यकर्ताओं ने शहीद की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
शाहजहांपुर:करगिल विजय दिवस के मौके पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में आवास विकास कॉलोनी स्थित शहीद रमेश चंद्र पार्क में शहीद रमेश चंद्र की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया. इस मौके पर वीर शहीदों की गाथा का बखान किया गया.
सपा कार्यकर्ताओं ने शहीद की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण. करगिल विजय दिवस पर समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष तनवीर खां ने कहा कि करगिल युद्ध की सफलता का श्रेय अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को जाता है, जिन्होंने दुश्मनों को धूल चटा दी. पूरे देश को वीर सैनिकों की शहादत पर गर्व है. उन्होंने कहा कि यही वो दिन है, जब भारतीय जवानों ने कारगिल पर विजय प्राप्त की थी.
क्रांति सेना के कार्यकर्ताओं ने मनाया करगिल विजय दिवस
मुजफ्फरनगर: क्रांति सेना कार्यकर्ताओं ने रविवार को करगिल विजय दिवस मनाया. कार्यकर्ताओं ने करगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी और 'भारत माता की जय हो' का उद्धघोष किया.
क्रांति सेना कार्यकर्ताओं ने मनाया करगिल विजय दिवस. रामपुरी में नगर अध्यक्ष लोकेश सैनी के आवास पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में क्रांति सेना के नेताओं ने कहा कि देश के बहादुर सैनिकों ने अपना सर्वोच्च बलिदान देकर करगिल में विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान की फ़ौज को हराकर विजय प्राप्त की थी. आज हम उन सैनिकों के ऋणी है, जिन्होंने अपने प्राणों की चिंता न करते हुए देश की रक्षा की. इस अवसर पर नगर महासचिव आशीष मिश्रा, नगर उपाध्यक्ष अखिलेश पूरी, नगर संगठन मंत्री जोनी पंडित और मीडिया प्रभारी प्रदीप कोरी आदि उपस्थित रहे.
यूपी के जांबाज सैनिकों ने दिलाई थी जीत
करगिल युद्ध में सेना के शौर्य और पराक्रम के वजह से ही ऊंची पहाड़ियों पर तैनात दुश्मन सेना को नाकों चने चबवाकर भारत ने अपना झंडा बुलंद किया था. इन वीर सैनिकों में उत्तर प्रदेश के भी तमाम जांबाज अपनी जान की परवाह किए बिना भारत माता की रक्षा के लिए अपनी जान न्योछावर कर गए. उत्तर प्रदेश के योद्धाओं में से कैप्टन मनोज पांडेय को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया. सिपाही (अब सूबेदार) योगेन्द्र सिंह यादव (ग्रेनेडियर्स) को भी परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया.
कैप्टन गुर्जिंदर सिंह सूरी को मरणोपरांत महावीर चक्र व कैप्टन विजयन्त थापर, सीएचएम यशवीर सिंह और मेजर मोहित सक्सेना को वीर चक्र से सम्मानित किया गया. उत्तर प्रदेश के 95 करगिल शहीद सैनिक आश्रितों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा करगिल पेंशन का भुगतान किया जाता है, जिसका वार्षिक खर्च 69 लाख रुपये है.