लखनऊ: राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के 14 शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसें संचालित होंगी. प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने मंगलवार को 4 प्रोटोटाइप बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है. ये बसें एक महीने तक शहर के 10 रूटों पर दौड़ेंगी. जब इनका ट्रायल रन पूरा हो जाएगा तो यात्रियों की सुविधा के लिए शहर की सड़कों पर ऐसी ही 100 बसों का संचालन शुरू कराया जाएगा. सबसे खास बात यह है कि इन इलेक्ट्रिक बसों में यात्रा करते समय यात्रियों को पूर्णंतया वातानुकूलित बस की सुविधा मिलेगी और साधारण बस का किराया चुकाना होगा.
उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि प्रदेश के 14 शहरों में 700 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा. इनमें से 100 बसें उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से संचालित होंगी. बाकी 600 बसें भारत सरकार के भारी उद्योग विभाग की फेम 2 योजना से संचालित कराई जाएंगी. इस योजना के अंतर्गत संचालक को 45,00,000 रुपए प्रति बस का अनुदान दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस योजना की लागत 965 करोड़ रुपए है. अब तक भारी उद्योग विभाग की तरफ से फेम इंडिया स्कीम 2 के तहत प्रदेश के 11 शहरों के लिए 600 इलेक्ट्रिक बसों का अनुमोदन किया गया है. इनमें आगरा में 100, कानपुर में 100, लखनऊ में 100, प्रयागराज में 50, वाराणसी में 50, गाजियाबाद में 50, मेरठ में 50, झांसी में 25, अलीगढ़ में 25, मुरादाबाद में 25 और बरेली में 25 बसों का संचालन कराया जाएगा.
आशुतोष टंडन ने बताया कि प्रोटोटाइप बसों का ट्रायल रन मंगलवार से शुरू हो गया है. एक माह का तक इन बसों का ट्रायल होगा. इसके अलावा एसी इलेक्ट्रिक बसों का किराया साधारण बसों के किराए के बराबर रखने का निर्णय लिया गया है, जिससे प्रदेशवासियों को ज्यादा से ज्यादा आरामदायक और सस्ती यात्रा की सुविधा मिल सके. ये बसें इलेक्ट्रिक वायु प्रदूषण पर नियंत्रण स्थापित करेंगी. नगर विकास मंत्री ने बताया कि इन बसों के संचालन में किसी तरह की कोई समस्या न आए इसका भी खास ख्याल रखा गया है. इनके लिए लखनऊ में चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था की गई है, जिससे यह बसें आराम से चार्ज हो सकें. चार्जिंग प्वाइंट की पूरे प्रदेश के विभिन्न शहरों में व्यवस्था की जा रही है.