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यूपी में और सस्ता होगा रोडवेज का सफर, नई बसें खरीदकर गांवों के रूट पर चलाने की तैयारी - Cheap Bus Service

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में सफर सस्ता होने वाला है. दरअसल परिवहन निगम की तरफ से शासन को प्राइवेट बसों की तुलना में निगम की बसों पर लगने वाले एडिशनल टैक्स को कम करने के लिए पत्र भेजा गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 22, 2023, 10:29 AM IST

Updated : Dec 22, 2023, 11:45 AM IST

यूपी में और सस्ता होगा रोडवेज का सफर, नई बसें खरीदकर गांवों के रूट पर चलाने की तैयारी
यूपी में यात्रियों को मिलेगा सस्ती बस सेवा का तोहफा. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों से हर रोज लाखों यात्री सफर करते हैं. इन यात्रियों को बहुत जल्द परिवहन निगम की तरफ से सस्ती बस यात्रा का तोहफा मिल सकता है. दरअसल, ऐसा इसलिए संभव होने की उम्मीद है क्योंकि परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की तरफ से शासन को प्राइवेट बसों की तुलना में निगम की बसों पर लगने वाले एडिशनल टैक्स को कम करने के लिए पत्र भेजा गया है. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही एडिशनल टैक्स कम हो जाएगा. इसके बाद परिवहन निगम यात्री सुविधाओं की दृष्टि से यात्रियों की बस यात्रा सस्ती करेगा.




प्राइवेट बस ऑपरेटरों के सामने समस्या : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें यात्रियों को बेहतर परिवहन सुविधा मिल सके. इसके लिए हर रोड पर संचालित होती हैं. जिन रूटों पर अभी तक बसों का संचालन नहीं हो रहा है. उन पर प्राइवेट बसों का अनुबंध करके उन बसों को रूटों पर संचालित करने की योजना है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश हैं कि कोई भी गांव या मजरा असेवित न रहे. हर जगह बसें पहुंचें जिससे जनता को आवागमन में असुविधा न हो. इसी को ध्यान में रखकर अब परिवहन निगम असेवित गांव को सेवित करने के लिए अनुबंध योजना भी लाया है, लेकिन प्राइवेट बस ऑपरेटरों के सामने बड़ी समस्या एडिशनल टैक्स की खड़ी हो जाती है.


प्राइवेट को फायदा सरकारी को नुकसान : वर्तमान में प्रति सीट परिवहन निगम को प्राइवेट बसों की तुलना में चार गुना अधिक टैक्स चुकाना पड़ रहा है. प्रति सीट जहां प्राइवेट बस संचालकों को काफी फायदा होता है वहीं रोडवेज को बड़ा नुकसान. उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों को 2 साल के लिए ₹600 प्रति सीट, दो से चार साल के लिए ₹500 प्रति सीट, चार से छह साल के लिए ₹400 प्रति सीट और छह साल से ऊपर के लिए ₹150 प्रति सीट का पैसेंजर टैक्स चुकाना पड़ता है, जबकि प्राइवेट बसों को ₹450 ही प्रति सीट चुकाना होता है.


नई बसों की खरीद के साथ ही किराया घटाने पर विचार : परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा टैक्स चुकाने के चलते परिवहन निगम को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है. सरकार प्राइवेट बसों के बराबर अगर टैक्स कर दे तो इससे परिवहन निगम और नई बसें खरीद सकेगा जिससे यात्रियों को रूटों पर बसों की सुविधा मिलेगी, साथ ही जब एडिशनल टैक्स कम हो जाएगा तो यात्रियों को किराए में भी छूट देने का प्लान बनाया जा सकता है.




प्राइवेट बसों का अनुबंध :उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि सभी गांव को बस सुविधा दी जाए. इस दिशा में परिवहन निगम तेजी से काम कर रहा है. हालांकि हमारे पास जो बसें हैं वह सभी गांव को सेवित करने के लिए काफी नहीं हैं. लिहाजा हम प्राइवेट बसों का अनुबंध भी कर रहे हैं जिससे लोगों को बसों की सुविधा उपलब्ध हो सके. रोडवेज बसों के साथ ही जो अनुबंध पर बसें लगती हैं. उनके सामने एडिशनल टैक्स की एक बड़ी समस्या है. हमें बहुत ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ता है जिसकी वजह से दिक्कतें आती हैं. शासन को पत्र भेजा गया है उस पर कार्रवाई तेजी से जारी है. पूरी उम्मीद है कि मंत्रिमंडल में इस पर जल्द फैसला हो जाएगा और एडिशनल टैक्स से राहत मिलेगी. इसके बाद परिवहन निगम में यात्री सुविधा की दृष्टि से कई प्लान किए जाएंगे.

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Last Updated : Dec 22, 2023, 11:45 AM IST

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