लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में लगातार आग लगने की घटनाएं हो रही हैं. आग लगने से लाखों की बसें जलकर खाक हो रही हैं. इससे उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री चिंतित हैं. परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने परिवहन निगम की बसों में आग लगने और उनके दुर्घटनाग्रस्त होने को गम्भीरता से लिया है. उन्होंने परिवहन निगम के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बसों का संचालन पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही हो, जिससे लोगों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके.
बसों में आग लगने की घटनाओं पर परिवहन मंत्री चिंतित, अधिकारियों से दिये ये निर्देश - परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए
यात्रियों को सफर में होने वाली दिक्कतों व बसों में आग लगने की घटना से होने वाले नुकसान को लेकर परिवहन मंत्री ने चिंता व्यक्त की है. इसको लेकर गुरुवार को परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा कि 'बस डिपो में कार्यरत मैकेनिकों से बस में लगे सभी उपकरणों की भलीभांति जांच कराकर और तय फिटनेस मानक पूरा करने पर ही बसों को ऑन रोड किया जाए. परिवहन मंत्री ने निर्देश दिये हैं कि बसों को कार्यशाला से बाहर करते समय आरएम, एसएम, एआरएम में से किसी एक की उपस्थिति होना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि बसों को तकनीकी रूप से ठीक और साफ-सुथरी करके ही मार्ग पर भेजा जाए, जिससे यात्रियों को सुखद, आरामदायक यात्रा उपलब्ध हो.' उन्होंने कहा कि 'गोरखपुर क्षेत्र में घटित घटना की पुनरावृत्ति न हो अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान दें. परिवहन मंत्री ने कहा कि आग लगने और दुर्घटना होने की घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर सम्बंधित अधिकारी, कर्मचारी की जवाबदेही तय करते हुए कड़ी कार्रवाई की जायेगी.' परिवहन मंत्री ने कहा कि 'गर्मी में विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. शार्ट-सर्किट की घटनाएं ज्यादा होती हैं. कार्यशाला प्रबंधक इस सम्बंध में सभी आवश्यक कदम उठाते हुए ही बसों को डिपो से ऑन रोड भेजें.'
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि 'बस स्टेशनों पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था बेहतर हो. बैठने वाले स्थान पर पंखे, शौचालय के साथ ही पेयजल की व्यवस्था दुरूस्त हो. यात्रियों को यात्रा के दौरान या बसों के रवाना होने से पहले किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.'
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