लखनऊ : उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने मंगलवार को विभागीय समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पिछड़े वर्ग के पात्र छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना का लाभ शत-प्रतिशत रूप से दिया जाए. किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए. योजनाओं से सम्बन्धित अनुदान पात्र छात्र-छात्राओं को समय से उनके खातों में भेजी जाए. दिव्यांगजनों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेशस्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए.
राज्यमंत्री ने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दिव्यांगजनों एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों के लिए काम करें. प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के हितों के लिए कार्य कर रही है. इसमें रुचि लेकर काम करें. अधिकारियों से कहा कि दिव्यांगजनों एवं पिछड़े वर्ग के लोगों के उत्थान और समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सकरात्मक सोच रखें. मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में संचालित योजनाओं करते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण में संचालित छात्रवृत्ति योजना मे अधिक से अधिक पात्र छात्र-छात्राओं को लाभाविन्त किया जाए. उन्होंने संचालित छात्रावासों की मरम्मत कराने के निर्देश दिए, जिससे उसमे रह रहे छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
यूपी के राज्यमंत्री नरेन्द्र कश्यप ने दिव्यांगों और पिछड़ा वर्ग के कही यह बात
यूपी के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने दिव्यांगों और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं. विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान राज्यमंत्री ने अधिकारियों से दिव्यांगों और पिछड़े वर्ग के लोगों के हित में कार्य करने की बात कही.
राज्यमंत्री ने कहा कि पिछड़ा वर्ग छात्र-छात्राओं के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कम्यूटर प्रशिक्षण कार्यक्रम को निर्धारित समय सारिणी के अनुसार पूरा किया जाए. जिससे छात्र-छात्राओं को समय से कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रारम्भ हो सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि दिव्यांगजनों के हितों के लिए संस्थाओं के साथ बैठक करें. इसके अलावा विभागीय अधिकारियों से बैठक कर जनपदस्तरीय फीडबैक लेकर दिव्यांगजनों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाए. बैठक में बताया गया कि दिव्यांगजनों की आधार सीडिंग का काम पूरा हो गया है. उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य निधि का उपयोग दिव्यांगजनों के लिए किया जाए. दिव्यांगजनों के लिए स्थापित डॉ. शकुन्तला पुनर्वास विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा की. निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार की तरफ से संचालित योजनाओं का लाभ दिव्यांगजनों को मिले.
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