लखनऊः वाहनों का चालान करते समय परिवहन विभाग के कर्मचारी जब वाहन मालिक का नंबर नहीं खोज पाते हैं तो कॉलम में सिर्फ 10 बार 9 अंक भरकर ई- चालान कर देते हैं. इसका नतीजा यह हो रहा है कि हजारों वाहन मालिकों के वाहनों के ई-चालान कई कई बार हो गए लेकिन यह e-challan उनके घर तक नहीं पहुंच रहे हैं. वाहन मालिकों को पता तब चल रहा है जब वह आरटीओ कार्यालय में अपने वाहन की फिटनेस कराने या वाहन संबंधी कोई काम कराने पहुंच रहे हैं. वाहन डाटा फीडिंग में वाहन मालिकों का नंबर अपडेट न होने के चलते इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं.
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करीब आठ साल पहले वर्ष 2013 से लखनऊ के जिन 16 लाख वाहन स्वामियों का डाटा फीड किया गया था, उनमें एक चौथाई वाहनों के कागजातों में मोबाइल नंबर ही दर्ज नहीं था. मोबाइल नंबर फीड न होने के चलते वाहन स्वामियों तक ई-चालान का मैसेज पहुंच ही नहीं पा रहा है. परिवहन एप में डाटा फीडिंग के दौरान मोबाइल नंबर के कॉलम में 10 अंकों के मोबाइल नंबर के स्थान पर 9999999999 अंक फीड कर दिया गया है. वाहन मालिकों के कागजातों पर पता भी पूरा नहीं है. किसी वाहन मालिक के पते में राजाजीपुरम या फिर अमीनाबाद, लखनऊ लिखा है. ऐसे में डाक से भी ई-चालान की रसीद भेजने में दिक्कतें आ रही हैं.
क्या कहते हैं आरटीओ
लखनऊ आरटीओ आरपी द्विवेदी बताते हैं कि मोबाइल नंबर फीड न होने के कारण ई-चालान वाहन स्वामियों के पते पर नहीं पहुंच रहे हैं. इसकी शिकायतें आ रही हैं. ऐसे वाहन स्वामियों को आरटीओ कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर अपना मोबाइल नंबर अपडेट कराना होगा.
वाहन मालिकों की समस्या
- लखनऊ में एक साल में हुए 12 हजार 896 ई-चालान
- एक साल बाद भी नहीं जमा हुआ चार हजार 362 ई-चालान का फाइन
- वाहन स्वामियों को आरटीओ में 2013 के पहले खरीदे गए वाहन का मोबाइल नंबर अपडेट कराना होगा
- चालान पेडिंग होने पर नहीं किया जा सकता वाहन संबंधी किसी काम के लिए ऑनलाइन आवेदन