लखनऊ: लखनऊ में कई मोटर ट्रेनिंग ट्रेनिंग स्कूल अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. जब इन स्कूलों की सूची परिवहन विभाग ने निकाली तो अधिकारियों के भी होश फाख्ता हो गए. सख्ती दिखाते हुए परिवहन विभाग की तरफ से इन मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के स्वामियों को नोटिस भेजा गया. नोटिस मिलते ही स्कूल मालिकों में हड़कंप मच गया. बुधवार को कई मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के मालिक आरटीओ कार्यालय में अधिकारियों पर दबाव बनाने पहुंच गए, लेकिन विभाग की तरफ से साफ कर दिया गया है कि वैध प्रपत्रों के साथ सभी मोटर ट्रेनिंग स्कूलों के मालिकों को अपने वाहन लेकर 17 सितंबर को आरटीओ कार्यालय आना होगा.
अवैध होने के बावजूद जारी हो रहे सर्टिफिकेट
लखनऊ में कमर्शियल और लाइट मिलाकर कुल 42 मोटर ट्रेनिंग स्कूल संचालित हो रहे हैं. इनमें से 27 लाइट वाहनों से ट्रेनिंग के लिए तो 15 कमर्शियल वाहनों से ट्रेनिंग के लिए हैं. खास बात यह है कि इन 42 मोटर ट्रेनिंग स्कूलों से लगभग 25 ऐसे ट्रेनिंग स्कूल हैं जिनकी वैधता ही कई साल पहले खत्म हो चुकी है. बावजूद इसके परिवहन विभाग के अधिकारियों की कृपा से इनमें से ज्यादातर मोटर ट्रेनिंग स्कूल बाकायदा संचालित हो रहे हैं, लोगों को वाहन से ट्रेनिंग दे रहे हैं और सर्टिफिकेट भी जारी कर रहे हैं. हाल ही में जब इसका खुलासा हुआ तो डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की तरफ से आरटीओ कार्यालय को पत्र भेजकर ऐसे मोटर ट्रेनिंग स्कूल मालिकों को नोटिस देने के लिए निर्देशित किया गया. इसके बाद संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) प्रशांत कुमार ने मोटर ट्रेनिंग स्कूलों को नोटिस जारी किया. 17 सितंबर को मोटर ट्रेनिंग स्कूल के सभी वाहनों और वैध प्रपत्रों के साथ उपस्थित होने के निर्देश जारी किए गए. इतना ही नहीं ट्रेनिंग स्कूल संचालकों को अधिकृत प्रशिक्षक के साथ बुलाया गया है. यह भी चेतावनी दी गई कि अगर समस्त पत्रों को प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो ट्रेनिंग स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
चल रही ट्रेनिंग स्कूलों की मनमानी