लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं और उससे होने वाली मौतों से परिवहन विभाग की चिंताएं बढ़ी हुई हैं. समय-समय पर जनता को जागरूक करने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजित किया जाता है. इसमें तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लोगों को जागरूक किया जाता है. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कार्रवाई भी होती है.
ड्राइवर कुछ बिंदुओं का ख्याल रखें तो सड़क हादसों को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. परिवहन विभाग की तरफ से आयोजित सड़क सुरक्षा सप्ताह के तीसरे दिन बुधवार को एनआईसी सेंटर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें ड्राइवरों को दुर्घटना से बचने के सभी उपाय बताए गए. इन उपायों का ड्राइवर ख्याल रखें तो दुर्घटना का सवाल पैदा नहीं होगा.
सेव लाइफ फाउंडेशन की तरफ से दुर्घटना से बचने के सभी उपाय जागरूकता कार्यक्रम में ड्राइवरों के समक्ष प्रस्तुत किए गए. इनमें बताया गया कि ड्राइवर के लिए आराम बहुत जरूरी है. जब शरीर पूरी तरह से आराम कर लेगा उसके बाद दुर्घटना की संभावना खत्म हो जाएगी. ड्राइवर नशे से दूर रहेंगे तो एक्सीडेंट का सवाल पैदा नहीं होगा. इसके अलावा ऐसा नहीं है कि दुर्घटना के लिए ड्राइवर ही जिम्मेदार हो, सामने वाले से भी सावधान रहने की जरूरत होती है. अगर दूसरों से सावधान रहें तो भी दुर्घटना के चांस कम रहते हैं. बुरे मौसम का अभी दुर्घटना में काफी योगदान होता है ऐसे में मौसम का भी ख्याल रखा जाए. पार्किंग के वक्त भी पूरी होशियारी रखनी चाहिए. इसके अलावा ओवर स्पीडिंग न की जाए तो भी दुर्घटना नहीं होगी.
यह भी पढ़ें:यूपी में कोरोना के 5 नए केस मिले, 17 दिसंबर से अस्पतालों की परखी जाएगी व्यवस्था
इसके अलावा तीसरे दिन सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन अमित राजन राय, अंकिता शुक्ला और यात्री कर अधिकारियों आशुतोष उपाध्याय, आभा त्रिपाठी ने सीट बेल्ट, हेलमेट, मोबाइल और ड्रंकन ड्राइविंग के विरुद्ध चेकिंग अभियान चलाया. इसके तहत 151 वाहनों का चालान किया गया. इसमें हेलमेट के 92, सीट बेल्ट के 43, मोबाइल फोन का प्रयोग पर नौ और गलत दिशा में वाहन चलाने पर सात वाहनों के चालान की कार्रवाई हुई. इसके अलावा सड़क सुरक्षा संबंधित वीडियो क्लिप से लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया गया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप