लखनऊ :एक तरफ परिवहन निगम प्रशासन की तरफ से यह आदेश जारी किया जा रहा है कि रात में चलने वाली बसों में अगर 15 से कम सवारियां हों तो किसी भी कीमत पर बस को रूट पर न भेजा जाए, क्योंकि अगर कम सवारियां होंगी तो परिवहन निगम को घाटा होगा, वहीं दूसरी तरफ यह भी आदेश जारी किया जा रहा है कि ज्यादातर ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि रात की अंतिम बस को कैंसिल कर दिया जाता है जिससे यात्रियों को दिक्कत होती है, किसी भी कीमत पर बस कैंसिल न की जाए. प्रशासन के दो तरह के आदेश अधीनस्थों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा कर रहे हैं.
हाल ही में लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर (Regional Manager Manoj Kumar Pundir) ने एक आदेश जारी किया है, जिसके तहत रात की बस सेवाओं में अगर एक भी यात्री का ऑनलाइन या ऑफलाइन टिकट है तो बस कैंसिल न की जाए. यात्रियों की ऐसी तमाम शिकायतें आ रही हैं कि जब रात की बस कैंसिल हो जाती है तो उनके पास यात्रा का कोई विकल्प नहीं बचता है और बहुत परेशानी होती है. ऐसे में अब क्षेत्रीय प्रबंधक ने कहा है कि रात्रिकालीन बस सवारियों के अभाव में भी कैंसिल न की जाए. कैसरबाग और आलमबाग बस स्टेशन से इस तरह की शिकायतें आ रही हैं. क्षेत्रीय प्रबंधक को यह भी समस्या है कि रात में यात्री सीधे उन्हें फोन कर देते हैं यह ठीक नहीं है. एआरएम और केंद्र प्रभारी अपने स्तर से यात्रियों की शिकायत का समाधान करें. बस स्टेशनों पर एआरएम और केंद्र प्रभारी का नंबर साफ-साफ दर्ज होना चाहिए. क्षेत्रीय प्रबंधक ने साफ तौर पर आदेश जारी कर दिया है कि अब रात्रि कालीन बस सेवाएं निरस्त न की जाएं. बसें कैंसिल होने से यात्रियों को दिक्कत होती है और परिवहन निगम की छवि भी धूमिल होती है. यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है.