लखनऊ: लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर एक महिला और बच्ची के ऊपर से ट्रेन की चार बोगियां गुजर गईं, लेकिन उनकी जिंदगी सुरक्षित रही. महिला यात्री को बोगी के नीचे फंसे देख रेलवे सुरक्षा बल का जवान जितेंद्र कुमार यादव दौड़ पड़ा और चेन खींचकर ट्रेन को रोक दिया. फिलहाल, रेलवे सुरक्षा बल के जवान की सूझबूझ और तत्परता से दोनों मां और बच्ची की जान बच गई.
जानकारी के मुताबिक गोंडा के बरगदीयन पुरा की रहने वाली पिंकी को ट्रेन 02231 चंडीगढ़ एक्सप्रेस से जाना था. वो लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर मौजूद थी. बच्चे लकी को बाथरूम महसूस हुई तो वह प्लेटफार्म पर खड़ी सहरसा अमृतसर गरीब रथ में शौच कराने के लिए चढ़ गई. इस बीच ट्रेन चल पड़ी. ट्रेन को चलता देख पिंकी आनन फानन में नीचे उतरने के लिए भागी, इस दौरान उसने हाथ में बच्चे को संभाल रखा था, बच्चे को लेकर उतर रही पिंकी का पैर फिसल गया और वह नीचे जा गिरी. इसे देख लोगों में हड़कंप मच गया.
जाको राखे साइयां... महिला और बच्ची के ऊपर से गुजर गईं ट्रेन की चार बोगियां, सलामत रही जिंदगी
एक कहावत है, जाको राखे साइयां मार सके ना कोय. यह कहावत उस समय चरितार्थ हो गई, जब लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर एक महिला और बच्ची के ऊपर से ट्रेन की चार बोगियां गुजर गईं, लेकिन उनकी जिंदगी सुरक्षित रही. ट्रेन गुजरने के बाद जब सही सलामत मां और बच्ची बाहर निकले तो उन्होंने ईश्वर को धन्यवाद दिया.
महिला यात्री को बोगी के नीचे फंसा देख रेलवे सुरक्षा बल का जवान जितेंद्र कुमार यादव दौड़ पड़ा और चेन खींचकर ट्रेन को रोक दिया. आरपीएफ जवान बोगी के नीचे गया तो महिला अपने बच्चे को सीने से लगाए अचेत अवस्था में पटरी पर पड़ी हुई थी. जवान जितेंद्र यादव ने महिला और बच्ची को पटरी से उठाकर बाहर निकाला.
पहले भी आरपीएफ ने बचाई है जान
चारबाग रेलवे स्टेशन पर इससे पहले भी दो यात्रियों के पैर फिसलने से ट्रेन के नीचे आने की घटना हो चुकी है. स्टेशन पर आरपीएफ के जवानों की मुस्तैदी से यात्रियों की जान बचा ली गई थी. पिछली बार एक आरपीएफ की महिला जवान ने यात्री की इसी तरह दौड़कर ट्रेन के नीचे जाने से पहले ही हाथ पकड़ कर जान बचाई थी.