लखनऊ: परिवहन विभाग की तरफ से यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए तमाम जागरूकता अभियान चलाए गए, लेकिन लोगों पर इसका कम ही असर पड़ा है. लोग ट्रैफिक रूल्स से खिलवाड़ कर रहे हैं. बाइक पर सवार हुए तो हेल्मेट न पहना और कार पर सवार हुए तो सीटबेल्ट लगाने से कोई मतलब नहीं. केंद्र सरकार की तरफ से जुर्माने की राशि में कई गुना इजाफा कर दिया गया. जब भारी भरकम जुर्माने का चाबुक चला तो लोग अपने आप ही लाइन पर आने लगे और यातायात नियमों का पालन करने लगे.
जुर्माना अधिक होने पर यातायात उल्लंघन में कमी इन श्रेणी में इतने हुए हैं चालान शहर में यातायात नियमों का उल्लघंन करने पर 286 लोगों का चालान किया गया है. इनमें ओवर स्पीड और उल्टी दिशा में वाहन चलाने के मामले सबसे ज्यादा हैं. अक्टूबर महीने में 72 हजार चालान कर करीब 72 लाख रुपये का जुर्माना वसूला गया है. ट्रैफिक सिग्नल पर लगे कैमरों की मदद से गलत नम्बर प्लेट, मोबाइल पर बात करने, बिना हेल्मेट और तीन सवारी चलने वालों को चिह्नित किया गया. इस दौरान ओवर स्पीड में प्रतिदिन 186 और उल्टी दिशा में वाहन चलाने पर 100 चालान किए गए. 26,122 लोग ऐसे थे, जिन्होंने बाइक चलाने के दौरान हेलमेट का इस्तेमाल नहीं किया था. 2186 लोग बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी दौड़ा रहे थे. नो पार्किंग में 21,670 गाड़ियां खड़ी मिलीं. यातायात माह के 17वें दिन 1625 चालान काटे गए.
हेल्मेट न लगाने पर है 1000 का जुर्माना
नए मोटर वाहन अधिनियम में दो पहिया वाहन पर हेल्मेट न लगाने पर पहले जहां सिर्फ ₹100 के जुर्माने का प्रावधान था, लेकिन अब 10 गुना बढ़ाकर जुर्माना 1000 रुपये कर दिया गया है. यानी अब हेल्मेट नहीं लगाने वालों पर तो ₹1000 का जुर्माना देना पड़ेगा. वहीं सीट बेल्ट न लगाने पर भी 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. ऐसे में अब लोग भारी-भरकम जुर्माने के डर से हेलमेट भी लगाने लगे हैं और सीट बेल्ट भी पहनने लगे हैं.
कड़ाई के कारण अनुशासन में लोग
लखनऊ की बात करें तो 70 टीमें लगातार इंफोर्समेंट का काम कर रही हैं. उसी के परिणाम स्वरूप प्रतिदिन दो हजार के करीब लोगों का नियमों का उल्लंघन करने पर चालान किया जा रहा है. इस रणनीति को हमने समानांतर रखा है. जागरूकता के साथ इंफोर्समेंट भी जरूरी है. जबसे आईटीएमएस के कैमरे लगाए गए, जबसे ई-चालान एप डेवलप किया गया, जबसे मोबाइल फोन से चालान शुरू हुए तो लोगों का यातायात का अनुशासन बढ़ा है. लोग सड़कों पर नियम तोड़ने में हिचक रहे हैं. जो लोग नियम तोड़ रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है.