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चुनौती बने गलत मोबाइन नंबर और पते वाले वाहन चालक, ट्रैफिक पुलिस कैसे वसूलेगी जुर्माना - यातायात नियमों नियमों का उल्लंघन

राजधानी की ट्रैफिक पुलिस उन लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी में हैजो यह सोच कर यातायात नियमों को ताक पर रखते हैं कि चालान हुआ तो कौन सा भरना है. हालांकि ट्रैफिक पुलिस के लिए ऐसे लोगों से जुर्माना वसूलना इतना भी आसान नहीं है. इसके पीछे का कारण यह है कि ट्रैफिक विभाग के पास जो वाहन मालिकों के मोबाइल नंबर और घर का पता है वह गलत है.

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Published : Jun 20, 2023, 10:34 PM IST

चुनौती बने गलत मोबाइन नंबर और पते वाले वाहन चालक. देखें खबर

लखनऊ : लखनऊ की ट्रैफिक पुलिस ने हाल ही में उन लोगों की लंबी चौड़ी सूची बनाई है, जिन्होंने यातायात नियमों का उल्लंघन किया है. साथ ही उन लोगों की भी सूची बनाई है जो चालान होने के बाद जुर्माना नहीं भर रहे हैं. इसके लिए पहले थाने में बुलाकर लोगों को समझाया जाएगा और उनसे जुर्माना वसूला जाएगा. इसके अलावा वाहन स्वामियों को नोटिस भेज कर जुर्माना जल्द से जल्द भरने के लिए कहा जाएगा. हालांकि यह करना अब ट्रैफिक पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

किए गए चालान.


मोबाइल फोन नंबर और घर के पते गलत

ईटीवी भारत ने ट्रैफिक विभाग की लिस्ट में मौजूद वाहन स्वामियों का पता लगाया तो लिस्ट में मौजूद अधिकांश मोबाइल नंबर और घर के पते गलत मिले. बीते एक वर्ष में 86 बार रॉन्ग साइड बाइक चलाकर चालान करवाने वाले एजाज अली का नंबर सेवा में नहीं है. इतना ही नहीं उनका घर का पता भी गलत है और वहां कोई और ही रहता है. एजाज अली को एक लाख 70 हजार का जुर्माना भरना है. इसी तरह दूसरे नंबर पर 68 बार एक ही यातायात नियम तोड़ चालान करवाने वाले सुधीर को एक लाख 33 हजार का चालान भरना है. लिस्ट में मौजूद उनका भी मोबाइल नम्बर और घर का पता गलत है. न सिर्फ एजाज व सुधीर बल्कि 484 लोगों के अधिकांश मोबाइल नंबर या तो स्विच ऑफ है या सेवा में नहीं है.

अधिकारियों ने कही यह बात.



मोबाइल नंबर अपडेट कराना वाहन स्वामी की जिम्मेदारी

ट्रैफिक विभाग द्वारा तैयार की गई सूची में मौजूद वे लोग जिन्होंने बीते एक वर्ष में जुर्माना नहीं भरा है, वह इसके लिए ट्रैफिक विभाग को जिम्मेदार मानते हैं. वाहन स्वामी कहते हैं कि उनका चालान हुआ है यह तब पता चलेगा जब उन्हें मैसेज मिलेगा. उनके मोबाइल में मैसेज ही नहीं आता है. ऐसे में वे कैसे चालान जमा करें. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक के मुताबिक वाहन स्वामी का मोबाइल नंबर आरटीओ में रजिस्टर कराना पुलिस का काम नहीं है. यह जिम्मेदारी स्वयं वाहन स्वामी को उठानी होती है. डीसीपी ने बताया कि जिन लोगों ने जुर्माना नहीं भरा है उन्हें यह पता होना चाहिए कि चालान हुआ है तो जुर्माना तो भरना ही होगा. हां यह जरूर है कि यातायात पुलिस ने जो सूची बनाई है उसमें कई मोबाइल नंबर या तो बंद हैं या फिर गलत हैं. ऐसे में हमारी कोशिश होगी कि आरटीओ की मदद से इन लोगों तक पहुंचा जा सके.



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