लखनऊ :अमेठी में बीते दिनों स्कूल वैन में अचानक आग लगने की घटना में आठ बच्चे झुलस गए. ऐसी घटना राजधानी में न हो इसके लिए फायर डिपार्टमेंट ने बिना फायर सेफ्टी के चल रही स्कूल वैन पर कार्रवाई करने की तैयारी की है. अमेठी में जिस स्कूल वैन में आग लगी थी, उसमें 13 बच्चे सवार थे. मानक अनुसार महज सात बच्चे ही मौजूद होने चाहिए थे. साफ है कि स्कूल में चलने वाले सभी वाहन नियमों को ताक पर रख कर बच्चों के जीवन से खिलवाड़ करते है. स्कूलों में चलने वाली वैन में न तो बच्चों की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम होता है और न उचित समय पर गाड़ियों की फिटनेस कराई जाती है. यहां तक कंडम हो चुकी गाड़ियों में क्षमता से दो गुने तक बच्चे बैठाए जाते हैं.
नियम कायदों को दरकिनार कर वाहनों में ढोए जा रहे स्कूली बच्चे, ट्रैफिक पुलिस के पास नहीं ठोस प्लान
लखनऊ में स्कूली वाहनों में नियमों को ताख पर रखकर बच्चों को ढोया जा रहा है. ऐसे में अभिभावकों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. स्कूली वाहन चालक से बातचीत के बाद ही बच्चे को स्कूल भेजें. वहीं प्रशासन के पास मनमाने ढंग से बच्चों को लाने व ले जाने वाहन चालकों के पास कोई ठोस प्लान नहीं है.
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छुट्टी के समय दिखेगी असल तस्वीर
स्कूली वाहन कैसे नियमों को ताक पर रखते हैं, वह छुट्टी के वक्त दिखता है. सुबह स्कूल ले जाते समय जो वाहन चालक बच्चों को अभिभावकों के सामने सेफ्टी के साथ बैठाते हैं. वहीं चालक छुट्टी के वक्त से सुरक्षा के मानक भूल जाते हैं. बच्चों को भूसे की तरह भर लिया जाता है और जब यही स्कूली वाहन सड़कों पर चलते हैं तो ट्रैफिक विभाग ध्यान नहीं देता है.