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लखनऊ के अराजक वाहनों के चालान से डरती है ट्रैफिक पुलिस, सीज करने से भी लगता है डर - Seized Vehicle in Lucknow

लखनऊ की यातायात व्यवस्था सुधारने और नियमों का उल्लंघन करने वालों को सबक सिखाने के बजाय ट्रैफिक पुलिस एक अनोखी समस्या को लेकर परेशान है. पुलिस को फिक्र इस बात की है कि बड़ी संख्या में वाहनों के चालान और सीज करने पर उनको खड़ा कहां किया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 5:24 PM IST

लखनऊ :राजधानी के लोग जहां एक ओर ट्रैफिक जाम से परेशान है तो दूसरी ओर इस जाम से निजात दिलाने की जिम्मेदारी संभाल रही लखनऊ पुलिस को अलग ही समस्या से परेशान है. पुलिस को इस बात का डर सता रहा है कि यदि जाम लगने के मुख्य कारण शहर में घूम रहे ई रिक्शा और अवैध बसों को सीज किया तो उन्हें खड़ा कहां करेंगे. यही वजह है कि इन वाहनों को पुलिस सीज करने से डर रही है. बहरहाल पुलिस का यह डर और समस्या आम जनता को काफी भारी पड़ रहा है.

लखनऊ के अराजक वाहनों के चालान से डरती है ट्रैफिक पुलिस.

55 हजार ई रिक्शों का चालान :राजधानी में करीब 55 हजार ई रिक्शा, 4343 थ्री व्हीलर ऑटो, 2700 विक्रम टेंपो, सात हजार ओला व उबर टैक्सी और 250 सिटी बसें राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रही हैं. लखनऊ पुलिस इन ई रिक्शों, ऑटो और बसों का चालान और कुछ वाहनों को सीज भी कर देती है. जिन्हें जब्ज कर पास के थानों में खड़ा कर दिया जाता है. हालांकि थानों में पहले से ही सीज वाहनों की भीड़ है. ऐसे में अब ट्रैफिक रूल्स उल्लंघन के मामले में सीज वाहनों को थाने में खड़ा करना भारी पड़ रहा है.

सीज करें तो खड़ा कहां करें :संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था उपेंद्र अग्रवाल के मुताबिक राजधानी के दो चौराहों पर लाल पट्टियां खींची गई हैं. जहां ई रिक्शों, ऑटो और प्राइवेट बसों को खड़ा करना मना किया गया है. बावजूद इसके ये सभी वाहन बार-बार नियम तोड़ रहे है जिसकी वजह जाम लगता है. यही हालात शहर के हर चौराहे पर हैं. ऐसे ई रिक्शों का चालान भी किया जाता है और कुछ को तो सीज भी किया जाता है. इसके बाद भी ये सुधरने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए एक विकल्प यही बचता है कि बार-बार नियम तोड़ने वाले ई रिक्शा और बसों को सीज किया जाए, लेकिन इसमें सबसे बड़ा सवाल यह है कि सीज करने के बाद इन वाहनों को रखा कहां किया जाए.



नगर निगम से जमीन की मांग : अधिकारियों के मुताबिक थानों में पहले से सीज वाहनों का जमावड़ा है और हमारे पास जो दो डंपिंग यार्ड हैं वह भी शहर के बाहर हैं. ऐसे में यदि ट्रैफिक पुलिस ई रिक्शों और डग्गामार बसों को सीज करती है तो उन्हें खड़े करने की कोई जगह हमारे पास नहीं है. ऐसे में हमारे कर्मी फिलहाल सिर्फ चालान ही करते हैं. जिसका असर नियमों को तोड़ने वालों पर नहीं पड़ रहा है. जेसीपी के मुताबिक हमने कई बार नगर निगम के साथ हुई बैठक में शहर के बीच में जगह देने की बात उठाई है, जहां इन सीज ई रिक्शों और बसों को खड़ा किया जा सके, लेकिन अब तक कोई भी जमीन नहीं मिल सकी है. इस वजह से अधिक से अधिक सीलिंग की कार्रवाई हो नहीं पा रही है और ये सभी शहर में जाम का जिम्मेदार बने हुए हैं.


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