लखनऊ: यातायात माह में भले ही पुलिस ने अभियान चलाकर सड़क की जाम से लोगों को निजात दिलाने की कोशिश की हो, लेकिन सड़क पर जाम के झाम से लोगों को निजात नहीं मिल सकी है. सड़कों पर जाम के कारण किलोमीटर तक गाड़ियां रेंगती हुई नजर आती है. शहर के मुख्य चौराहों से लेकर बाजार में प्रतिदिन जाम लग रहा है. चौराहे से जहां 200 मीटर की दूरी पर वाहन खड़ा कर सवारी उतारने को कहा जाता है, लेकिन हाल यह है कि टैक्सी स्टैंड ही चौराहे पर बना हुआ है, जिससे जाम लगना भी लाजमी है.
चालान कर ट्रैफिक पुलिस ने थपथपा ली अपनी पीठ
भले ही यातायात माह में राजधानी की ट्रैफिक पुलिस 73785 चालन करके जनता से 1,32,01750 रुपये जुर्माना वसूलने पर ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने का दम भर रही है, लेकिन स्थित इससे उलट है. क्योंकि एक से 30 नवंबर तक चला यातायात माह सिर्फ चालान और जुर्माने तक सिमट कर रह गया, लेकिन यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी. गत वर्ष यातायात माह में ट्रैफिक पुलिस ने 313069 वाहनों के चालान कर 69602507 रुपये जुर्माना ही वसूला था.
अवैध स्टैंडों से घंटो लगता है जाम
दुबग्गा सीतापुर बाईपास से लेकर कानपुर बाईपास तक रोजाना जाम की जद्दोजहद से राहगीर दो-चार हो रहे हैं. मुख्य मार्ग से लेकर रिंग रोड तक फैले अवैध टैक्सी टेंपो स्टैंड के संचालन और अतिक्रमण के कारण वाहनों के पहिए पर जाम लगा रहता है. ट्रैफिक पुलिस भी इस जाम से निजात दिलाने में विफल होती नजर आ रही है.
मंडी के बाहर खड़े रहते हैं वाहन
काकोरी क्षेत्र की सबसे बड़ी दुबग्गा मंडी के बाहर खड़े टेंपो रिक्सा, टाटा मैजिक जो कि बीच सड़क पर ही रोक कर सवारियां भरने लगते है, जिससे देखते ही देखते लंबा जाम लग जाता है. इस जाम से निजात दिलाने में कई घंटे बीत जाता है. दुबग्गा सीतापुर बाईपास से लेकर के कानपुर बाईपास तक पूरा मार्ग टैक्सी, ई-रिक्सा, डाले और ठेले खोमचों के अतिक्रमण से पटा है, जिसके कारण यहां दिन भर वाहन रेंगते रहते हैं.
पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होना है मुख्य कारण
पार्किंग के लिए कोई सटीक व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण लोग सड़कों पर वाहनों को पार्क करते हैं. इस मार्ग की पूरी यातायात व्यवस्था चरमाई हुई है. दिन भर लोग जाम से जूझते रहते हैं. इसके साथ ही यहां के व्यापारी और स्थानीय दुकानदार भी काफी परेशान नजर आते हैं.