लखनऊ: राजधानी में ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह धवस्त हो चुकी है. जिसके चलते आला अधिकारियों और जिम्मेदारों पर कार्रवाई का सिलसिला लगतार जारी है. पुलिस कमिश्नर एस. बी. शिरडकर ने डीसीपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र शाक्य को हटा दिया है. उनके स्थान में लूलू मॉल विवाद में हटाये गए आईपीएस अधिकारी गोपाल चौधरी को लखनऊ का नया डीसीपी ट्रैफिक नियुक्त किया गया है. गौरतलब है कि ट्रैफिक अव्यवस्था के चलते लखनऊ में अब तक 6 अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है.
गृह मंत्री को गलत रुट से ले जाने पर नपे थे डीसीपी ट्रैफिक रईस अख्तरः17 दिसंबर 2021 को लखनऊ के रमाबाई मैदान में निषाद रैली आयोजित हुई थी. इसमें गृहमंत्री अमित शाह समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी कैबिनेट के कई दिग्गज मंत्री शामिल हुए थे. रमाबाई मैदान से गृह मंत्री अमित शाह को लोहिया पथ के मार्ग से इंदिरागांधी प्रतिष्ठान जाना था. ट्रैफिक पुलिस के एस्कोर्ट गृहमंत्री की फ्लीट को आला अधिकारियों के पीछे-पीछे वैकल्पिक मार्ग शहीद पथ पर लेकर चले गए.जबकि फ्लीट का रिहर्सल लोहिया पथ के लिए किया गया था. पुलिस की इस लापरवाही की वजह से अफरातफरी और असुरक्षा का माहौल खड़ा हो गया. लखनऊ से लेकर दिल्ली तक आईबी, इंटेलिजेंस और पुलिस के आला अफसरों के हाथ-पैर फूल गए. जिसके बाद डीसीपी ट्रैफिक रईस अख्तर को हटा दिया गया था.
जाम की वजह पैदल चले थे शाह और गडकरीः25 मार्च को योगी आदित्यनाथ ने दूसरी बार शपथ ली थी. शपथ ग्रहण का कार्यक्रम इकाना स्टेडियम में आयोजित हुआ था. तमाम ट्रैफिक व्यवस्था होने के बावजूद गृह मंत्री अमित शाह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को 2 किलों मीटर पैदल चलना पड़ा था. वहीं, मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती तो जाम के चलते आधे रास्ते से ही वापस चली गईं थी. इस मामले में लखनऊ पुलिस की बड़ी किरकिरी हुई थी. साथ ही ट्रैफिक निदेशालय की लापरवाही भी दिखी थी. इसका खामियाजा एडीजी ट्रैफिक ज्योति नारायण को भुगतना पड़ा और 21 अप्रैल को उनका तबादला कर काले पानी की सजा कही जाने वाली पोस्टिंग एडीजी प्रशिक्षण जालौन के पद पर कर दी गयी.
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लखनऊ-कानपुर हाइवे में 6 घंटे लगा जाम, बंथरा इंस्पेक्टर हटेः28 जुलाई को लखनऊ-कानपुर हाईवे पर 6 घंटे लगे जाम की समस्या को लेकर प्रशासन की खूब आलोचना हुई थी. परेशान लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से लखनऊ पुलिस को टैग करके जाम की जानकारी दी. बावजूद इसके लखनऊ पुलिस और स्थानीय पुलिस ने मौके पर जाकर जाम छुड़वाने की कोशिश नहीं की. हाईवे पर जाम की सूचना जब कार्यवाहक डीजीपी को मिली तो उन्होंने आलाधिकारियों को फोन कर जाम छुड़वाने के आदेश दिए थे. तब जाकर पुलिस एक्टिव हुई और जाम खोला जा सका. इस मामलें में थाना प्रभारी बंथरा अशोक सोनकर को तत्कालीन पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने निलंबित कर दिया था.