लखनऊ :ट्रैफिक नियमों को तोड़ना और फिर चालान हो जाने पर उसे भूल जाना अब महंगा पड़ने वाला है. राजधानी में जिन्होंने वर्षों से चालान नहीं जमा किए हैं और अब तक पेंडिंग हैं उनके वाहनों पर अब कार्रवाई करने की तैयारी है. राजधानी में ट्रैफिक विभाग होली के बाद ऐसे वाहनों की सीजिंग की कार्रवाई करेगा, जिन्होंने चालान होने पर तीन साल बाद भी जमा नहीं किया है. ऐसे में ये जरूरी है कि अब एम परिवहन एप के माध्यम से अपने वाहन की डिटेल चेक कर लीजिए, हो सकता है आपके वाहन में भी कई चालान पेंडिंग हो और टेक्निकल समस्या व आरटीओ में आपको मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड न होने की वजह से चालान का मैसेज आप तक नहीं पहुंचा हो.
राजधानी के ट्रैफिक विभाग में 9 हजार ऐसे वाहन हैं, जिनका तीन से अधिक चालान हो रखा है और बीते तीन साल से जमा नहीं किया गया है. एडीसीपी ट्रैफिक अजय कुमार के मुताबिक, ऐसे वाहनों के मालिकों को कोर्ट के माध्यम से समन भी भेजा गया है, बावजूद इसके उनकी तरफ से किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिला है. ऐसे में अब इन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जब्त किया जाएगा और जुर्माना भरने के बाद ही इनको छोड़ा जाएगा.
कैश या ऑनलाइन दोनों :एडीसीपी ट्रैफिक के मुताबिक 'चालान जमा करने के लिए ट्रैफिक पुलिस लाइन में लोगों को कैश के साथ ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन दिया जाता है. इसके अलावा लोग घर बैठे भी चालान मैसेज में दिए गए लिंक में जाकर अपने मोबाइल के जरिए ऑनलाइन भर सकते हैं. यही नहीं एम परिवहन एप के जरिए भी अपनी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर चालान चेक और ऑनलाइन जमा कर सकते हैं.'
चालान होने पर पता नहीं चलता :चालान पेंडिंग रहने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि चालान हो भी जाता है और लोगों को पता नहीं चल पाता है, हालांकि अब ऑनलाइन चालान होने पर तुरंत ही इसका मैसेज वाहन के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल फोन पर आ जाता है, जिसमें पूरी डिटेल होती है, लेकिन पुराने वाहनों में आरसी से मोबाइल लिंक नहीं है. ऐसे में कई बार इस तरह के वाहनों का ऑनलाइन चालान होने पर वाहन मालिक को इसका पता नहीं चल पता है. इसके बावजूद आप घर बैठे अपने मोबाइल के जरिए यह जान सकते हैं कि आपके वाहन पर कोई चालान है या नहीं.