लखनऊ: कोरोना काल में कई कारोबार चौपट हो गए. नियम और शर्तों के साथ कारोबार को चलाने की अनुमति मिली लेकिन, कुछ खास असर नहीं दिखा. कोविड-19 के चलते कई कारोबार बंद भी हो गए. 16 फरवरी को बसंत पंचमी का त्योहार है. इस त्योहार को बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बार बसंत पंचमी के मौके पर शादियों के मुहुर्त हैं. जानकारों की माने तो बसंत पंचमी, चैत्र शुक्ल, प्रतिपदा, अक्षय तृतीया और विजयदशमी, जिनमें खास लग्न मुहूर्त न होने के बावजूद मंगल कार्य होते हैं. इस बार व्यापारियों को इस त्योहार से काफी उम्मीदें हैं. व्यापारियों की मानें तो धीरे-धीरे कारोबार पटरी पर आ रहा है. ईटीवी भारत ने इसको लेकर व्यापारियों से खास बातचीत की.
जानिए बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
मान्यताओं के अनुसार ज्ञान की देवी मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्मा जी के मुख से प्रकट हुई थीं. इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. 16 फरवरी को तड़के 3:36 पर पंचमी तिथि प्रारंभ हो रही है, जो 17 फरवरी को सुबह 5:46 तक रहेगी. बता दें कि बसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाहन से पहले की जाती है.
बसंत पंचमी की महिमा
टड़ियन मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश तिवारी बताते हैं कि बसंत पंचमी का पर्व अपने में सक्षम पर्व माना गया है जैसे कि नवरात्रि. जैसे नवरात्रि में मांगलिक कार्य होते हैं वैसे ही बसंत पंचमी में भी होते हैं. समाज और सनातन धर्म के लोग इस दिन मांगलिक कार्य कर सकते हैं, यही बसंत पंचमी की महिमा है. जैसे कि उपनक्षत्र होता है अपने में ही 10 दोषों के नक्षत्र को शांत करने में सामर्थ है, वैसे ही इससे सभी दोष दूर हो जाते हैं.