उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

यूपी में दिखा भारत बंद का मिला जुला असर, कई जिलों में हुए प्रदर्शन - यूपी के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन

भारत बंद को लेकर उत्तर प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. कई जिलों में इस बंद का असर भी दिखा तो कई जगह बंद का आंशिक असर रहा. भारत बंद के तहत विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है.

etv bharat
भारत बंद

By

Published : Jan 8, 2020, 5:57 PM IST

Updated : Jan 8, 2020, 7:55 PM IST

लखनऊ:मोदी सरकार की नीतियों के चलते बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है. ट्रेड यूनियनों ने पूरे देश को बंद करने की अपील की है. यूपी में इस बंद का मिला-जुला असर दिखा. प्रदेश में आजमगढ़, महोबा, मुरादाबाद, सुलतानपुर, मेरठ, सीतापुर, फतेहपुर, मऊ, हरदोई जिलों में भी बंद का असर देखने को मिला. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत बंद पर डीजीपी ओपी सिंह को सुरक्षा की समीक्षा के लिए अपने आवास बुलाया और उनके साथ बैठक की. वहीं पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू की गई है.

यह हैं मांगें -

  • बढ़ती बेरोजगारी
  • प्रीमियम पर GST वापसी
  • महिला सुरक्षा कानून सख्ती से लागू हो
  • 2017 से लंबित वेतन पुननिर्धारण
  • कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जाए
  • बीमा क्षेत्र में FDI न बढ़ाया जाए
  • श्रम कानून में श्रमिक विरोधी परिवर्तन पर रोक लगाई जाए

आजमगढ़ में कार्यालयों पर तालाबंदी कर कर्मचारियों ने दिया धरना
ट्रेड यूनियन के आहृान पर 8 जनवरी को भारत बंद किया गया है. इसमें शामिल होने के लिए 8 ट्रेड यूनियन के समर्थन पर सुबह से ही कर्मचारियों ने कार्यालयों पर तालाबंदी कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान कर्मचारियों ने वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विरोध प्रदर्शन में शामिल शेषनाथ राय ने बताया कि बीमा क्षेत्र में प्रीमियम पर 18% जीएसटी लगा दी गई, जिससे बीमा अभिकर्ताओं की कमर टूट गई. संगठित और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों पर सरकार घात करने का कार्य कर रही है.

आजमगढ़ में भारत बंद.

मुरादाबाद में 10 ट्रेड यूनियन वर्कर्स ने किया प्रदर्शन
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से आहृान कर सरकारी विभागों में ताले डालकर अपनी मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल की. खेत मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ने जानकारी देते हुए बताया कि आज की हड़ताल अन्य संगठनों व सरकारी कर्मचारियों द्वारा आयोजित की गई है. हमारी 20 सूत्रीय मांगें हैं, जिसमें पहली मांग बेरोजगारों को रोजगार की गारंटी, दूसरी मांग देश में सामान्य शिक्षा व्यवस्था लागू करने को लेकर और तीसरी मांग सरकार सरकारी संस्थानों का निजीकरण करना रोके. केंद्र सरकार ने देश के 28 सरकारी विभाग का निजीकरण कर उद्योगपतियों को बेच दिया है. साथ ही आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों के हाथ की कठपुतली बन गई है.

मुरादाबाद में भारत बंद.

सेंट्रल ऑफ इंडिया ट्रेड यूनियन की वाइस प्रेसिडेंट मनु गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि हमारे जितने भी वर्कर हैं, जो सरकार की तरफ से लाखों की संख्या में काम कर रहे है, उन्हें कम से कम 21 हजार रुपये मानदेय और 5 हजार रुपये पेंशन दी जानी चाहिए. हमारी यह भी मांग है कि कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा भी मिलनी चाहिए. अगर यह मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो गांव और शहर सभी को साथ लेकर देशव्यापी हड़ताल की जाएगी.

महोबा में देशव्यापी हड़ताल का दिखा असर, जनजीवन प्रभावित
सरकार की नीतियों के विरोध में बुधवार को LIC सहित सभी बैंककर्मी हड़ताल पर चले गए. इस हड़ताल की वजह से ग्राहकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक ओर पूरे देश के कर्मचारी संघ हड़ताल पर हैं और सभी अपनी यूनियन का पक्ष रख रहे हैं. जिले में कानपुर डिवीजन इंश्योरेंस एम्प्लाइज एसोसिएशन व AIIEF के बैनर तले भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मी सहित बैंकों के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए, वे अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. हड़ताल कर्मी सुरेश सोनी ने का कहना है कि सरकार को जायज मांगों को मान लेना चाहिए. बैंकों में कर्मियों की संख्या कम हैं, जिसके चलते ओवर टाइम काम करना पड़ता है और लोग बीमार पड़ रहे है. हमारी 18 सूत्रीय मांगें है, जिनको लेकर हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

महोबा में भारत बंद

सीतापुर में बंद का दिखा मिला-जुला असर
श्रमिक संगठनों के आहृान पर जनपद में भारत बंद का आंशिक असर दिखाई दिया. बंद के बावजूद बाजारों में चहल-पहल बनी रही. हालांकि इस बंद का आहृान करने वाले संगठनों ने शहर के साथ ही गांव बंद का भी ऐलान किया है. जिले में इस बंद के आहृान में शामिल किसान मंच और मनरेगा मजदूर संगठन की मांग है कि मनरेगा मजदूरों को प्रतिवर्ष 300 दिन रोजगार और 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाए. श्रमिक संगठनों ने निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद शहर में जुलूस निकाला और केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. भारत बंद का जिले में कोई खास असर नहीं दिखाई दिया. वहीं बंद को लेकर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क दिखा.

सीतापुर में भारत बंद.

हरदोई में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बैंकिंग उद्योग की हड़ताल
हरदोई में बुधवार को केंद्रीय श्रम संगठनों के आह्वान पर बैंकिंग उद्योग के पांच संगठनों ने हड़ताल की. हड़ताली कर्मचारियों ने मांगों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि यह सरकार मजदूर विरोधी है, सरकार की नीतियां प्रतिगामी हैं. बैंकिंग उद्योग में वेतन पुनरीक्षण काफी लंबे समय से लंबित है तो वहीं लगातार बैंकों को मर्ज किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं. साथ ही हमारी यह भी मांग है कि सभी कर्मचारियों को पेंशन दी जाए, इन्हीं मुद्दों को लेकर आज बैंकिंग उद्योग से जुड़े हुए संगठनों ने हड़ताल कर अपना विरोध प्रदर्शन जाहिर किया.

हरदोई में भी कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन.

मऊ में बंद का समर्थन, केंद्र सरकार पर लगाया उपेक्षात्मक रवैये का आरोप
जिले में समस्त केन्द्रीय श्रम संघों, स्वतंत्र अखिल भारतीय कर्मचारी फेडरेशन्स तथा राज्य कर्मचारी संगठनों के संयुक्त आह्वान पर एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल की गई. हड़ताल में जिले के बैंक, बीमा, बिजली, बीएसएनएल, डाकतार, राज्य एवं केन्द्र सरकार के कर्मचारी, योजनाकर्मी तथा अन्य श्रमिक कार्य से विरत रहकर विरोध जताया. विरोध प्रदर्शन के द्वारा वे अपनी 22 सूत्रीय मांगों के समर्थन में संयुक्त रुप से कलेक्ट्रेट में आयोजित धरना सभा के माध्यम से केन्द्र सरकार के उपेक्षात्मक रवैये को लेकर गुस्से का इजहार करते नजर आए.

मऊ में भी बंद का रहा असर.

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि सरकार अमीरों को सहूलियत देने और श्रमिकों के साथ टकराव की नीति पर अमल कर रही है. साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि श्रमिक अधिकारों, श्रम कानूनों में मालिकों के पक्ष में कटौती करने, यहां तक की जनतंत्र एवं संवैधानिक मूल पर हमला करने से सरकार जरा भी परहेज नहीं कर रही है. 45 साल की अवधि में सर्वाधिक बेरोजगारी, भयानक आर्थिक मंदी की चपेट में उलझी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के गम्भीर उपाय करने के बजाए सरकार लोगों का ध्यान विभाजनकारी एवं घोर साम्प्रदायिक मुद्दों को उछालकर बांटना चाहती है. जिले में कई जगह बंद का असर रहा तो कई जगह यह बंद फ्लॉप रहा.


मिर्जापुर में राष्ट्रव्यापी भारत बंद को मिला भाकपा (माले) का समर्थन
मिर्जापुर ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी भारत बंद को सफल बनाने के लिए भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने बुधवार को शहर के सिटी क्लब में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और जमकर घंटों नारेबाजी की. बंद के समर्धन में विरोध प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का आरोप है कि नागरिकता संशोधन प्रस्तावित एनआरसी व एनपीआर को लेकर जेएनयू मामले में जिन लोगों को फर्जी फंसाया गया है, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. माकपा के केंद्रीय कमेटी के सदस्य मो. सलीम ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम 14 सूत्रीय मांगों को लेकर नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन भी सौंपा. भाकपा माले केंद्रीय कमेटी के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि मोदी सरकार की कारपोरेट परस्त मजदूर विरोधी नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है. घटती विकास दर, बढ़ती बेरोजगारी और आसमान छूती महंगाई से लोग खासा परेशान हैं.

मिर्जापुर में भी भारत बंद.

बलरामपुर में आंशिक दिखा बंद का असर, बैंकों पर नहीं दिखे लोग
आल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन के आह्वान पर जिले में सभी बैंक ने अपनी शाखाओं को बंद कर विरोध प्रदर्शन किया. यूपी बीयू के बैनर तले बैंक कर्मी जिला मुख्यालय के इलाहाबाद बैंक के पास इकट्ठा हुए और केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. बैंक कर्मी अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. बैंकों के बंद होने के कारण जिले में लगभग 900 करोड़ का कारोबार प्रभावित रहा. इस हड़ताल में एलआईसी और पोस्ट ऑफिस कर्मचारी संगठनों का भी सहयोग रहा. इस बंद का असर आंशिक रूप से बाजार पर भी दिखाई दिया, लेकिन दुकानें पूरी तरह से खुली रहीं. यूपी बैंक एम्प्लॉयीज यूनियन संजय कुमार शुक्ल ने कहा कि हम अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आज सड़क पर उतरे हैं. हम यह प्रदर्शन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा लगातार वादाखिलाफी की जा रही है. हम सरकार से चाहते हैं कि तमाम तरह की असमानताओं को दूर किया जाए.

बलरामपुर में बंद के चलते घर पर दुबके रहे लोग.

चित्रकूट में ट्रेड यूनियन हड़ताल को लेकर पुलिस रही मुस्तैद
चित्रकूट में केंद्रीय ट्रेड यूनियन के भारत बंद आह्वान के बाद चित्रकूट पुलिस प्रशासन काफी सतर्क नजर आ रहा है. वहीं आगामी प्रयागराज में होने वाले माघ मेले की सुरक्षा दृष्टि से चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाली ट्रेनों के साथ संदिग्ध व्यक्तियों की गहनता से जांच की गई. हालांकि चित्रकूट में ट्रेड यूनियन बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला. ट्रेनों की जॉइंट चेकिंग में जीआरपी इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह व कॉन्स्टेबल परवेज कमान संभाले रहे. आरपीएफ पुलिस के इंस्पेक्टर प्रहलाद सिंह और दारोगा अशोक यादव अपनी पुलिस टीम और महिला सिपाही के साथ सघन जांच में मदद की.

चित्रकूट में नहीं दिखा बंद का असर.
Last Updated : Jan 8, 2020, 7:55 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details