लखनऊ :प्रदेश में पहले चरण के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ जा रही है, उसी गति से चुनावी ताप भी बढ़ता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दौरे पर थे. उन्होंने मथुरा में भगवान के दर्शन कर अपने जनसंपर्क अभियान का शुभारंभ किया. दूसरी ओर सपा और बसपा में अपनी पार्टी की एक-एक और सूची जारी कर दी. इन सूचियों में क्या खास है? गृहमंत्री के इस दौरे के क्या मायने हैं, आइए विस्तार से जानते हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मथुरा से जनसंपर्क अभियान का आगाज किया. अपना जनसंपर्क अभियान आरंभ करने से पहले उन्होंने भगवान के दर्शन किए. अमित शाह ने चुनावी अभियान शुरू करने के साथ ही यह संदेश भी दिया कि बीजेपी अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर कायम है.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस संदेश के खास मायने हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार में 2012 से 2017 के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में दंगे और हिंसक वारदातें हुई थीं. यही नहीं कैराना से हिंदुओं के पलायन की घटना राष्ट्रीय स्तर पर खबर बनी थी. प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद भाजपा ने यह संदेश देने की कोशिश की थी कि कुछ भी हो अब हिंदुओं के साथ ज्यादती नहीं होने दी जाएगी.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप
योगी आदित्यनाथ अपनी सभाओं में इस विषय को जोर-शोर से उठाते भी रहे हैं. स्वाभाविक है कि पांच साल हिंदुत्व के एजेंडे पर चलने वाली सरकार इस मुद्दे को वोट में बदलना चाहते है. भाजपा लोगों को याद दिलाना चाहती है कि वह गुंडों और माफियाओं के खिलाफ सख्ती से कदम उठाते हैं, जबकि अन्य सरकारों में गुंडागर्दी बढ़ जाती है.
अमित शाह ने प्रबुद्धजनों से बातचीत में इस बात को रखा. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि किसान आंदोलन की वजह से पश्चिम का जो वोटर या किसान पार्टी से नाराज है, वह हिंदुत्व के मामले पर एक हो सकता है. अमित शाह ने एक दिन पहले भी जाटों को लेकर अपनी बात रखी थी और कहा था कि वह कोई नाराजगी नहीं रखना चाहते हैं.