लखनऊ: कोहरे और पाले से गेहूं, जौ, चना की फसल को फायदा होता है, लेकिन आलू, टमाटर, मटर, बैंगन और मिर्च की फसल को नुकसान होता है. पाले और कोहरे के मौसम में चौड़ी पत्ती वाली फसलों जैसे आलू, टमाटर, मटर, मिर्च और बैंगन की फसल में ठंड के कारण प्रकाश संश्लेषण की क्रिया नहीं हो पाती है, जिससे पौधों की पत्तियां सिकुड़ने लगती हैं. वातावरण में आद्रता अधिक होने और दिन में लाइट न होने के कारण फसलों पर बीमारियों के साथ कीटों का प्रकोप बढ़ जाता है. इससे किसानों का अधिक नुकसान होता है. कोहरे और पाले के जमने से पौधों के ऊपर कवक की बीमारी का अधिक खतरा रहता है.
पाले की वजह से फैलता है वायरस
विकासखंड बख्शी का तालाब के लगभग सभी क्षेत्रों में आलू, टमाटर, मिर्च, चप्पन, कद्दू आदि अधिक उगाया जाता है. इटौंजा के जमखनवा गांव के ओपी शुक्ला ने बताया कि इस साल चप्पन और कद्दू में कोहरे-पाले की वजह से वायरस की बीमारी फैली हुई है, जिससे अधिक नुकसान हो रहा है. इस साल आलू का बीज महंगा होने के कारण भी किसानों ने पिछले साल से अधिक बुआई का कार्य किया है. इससे अच्छा उत्पादन होने की पूरी संभावना है.
फसलों पर करें छिड़काव
कृषि स्नातकोत्तर महाविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ सत्येंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोहरा और पाले से आलू, टमाटर और मिर्च की फसल को नुकसान हो रहा है. इस समय पछेती झुलसा के कारण अधिक नुकसान होने की संभावना है. इसके साथ माहू एवं सफेद मक्खी का प्रकोप अधिक बढ़ सकता है. सफेद मक्खी एवं माहू पत्तियों से रस को चूस लेती हैं. साथ ही बीमारियों का प्रसारण भी करती हैं. इसका समय से इलाज बहुत जरूरी है. इसके लिए डॉ सिंह ने बताया कि आलू, टमाटर, मिर्च में पछेती झुलसा को हटाने के लिए डाइथेन एम-45 की 3 ग्राम मात्रा को एक लीटर पानी का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए. यह ध्यान रहे कि छिड़काव सदैव ओस खत्म हो जाने के बाद ही किया जाए. साथ में सफेद मक्खी एवं माहूको नियंत्रित करने के लिए वाइपर प्लस अथवा एकतारा नामक कीटनाशक का छिड़काव करने की सलाह दी है.