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बंधे के निर्माण का इंतजार हुआ खत्म , स्थानीय लोगों को मिलेगी यातायात में सुगमता - बंधे के निर्माण का इंतजार हुआ खत्म

लखनऊ में ठाकुरगंज अंतर्गत गऊघाट गांव घाट पंपिंग स्टेशन (Gaughat Gaon Ghat Pumping Station) से सीतापुर रोड बाई पास तक करीब 3 किलोमीटर बीते 20 वर्ष पहले बनाया गया था. शनिनार को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने इस तटबंध को पूरी तरह से निर्माण करने को लेकर शिलांयास किया.

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह
जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह

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Published : Jan 1, 2022, 4:18 PM IST

लखनऊ : ठाकुरगंज अंतर्गत गऊघाट गांव घाट पंपिंग स्टेशन से सीतापुर रोड बाई पास तक करीब 3 किलोमीटर बीते 20 वर्ष पहले बनाया गया था. इस तटबंध के निर्माण के दौरान स्थानीय अवरोध व भूमि उपलब्ध ना होने के कारण तटबंध पूरी तरह से निर्माण नहीं हो पाया था, जिसको लेकर लोगों को लंबा इंतजार था, वह इंतजार खत्म हो गया.

शनिनार को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने इस तटबंध को पूरी तरह से निर्माण करने को लेकर शिलांयास किया. तटबंध में कैटल कॉलोनी स्थित 140 मीटर की गैपिंग के निर्माण को लेकर 250 लाख रुपये से निर्माण कराने को लेकर स्थानीय विधायक व जल शक्ति मंत्री व स्थानीय पार्षद सहित लोगों की मौजूदगी में शिलांयास किया गया. इस तटबंध के पूर्ण रूप से निर्माण होने के बाद यातायात में सुगमता मिलेगी.

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह

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गोमती नदी पर हार्डिंग ब्रिज के अपस्ट्रीम में दाएं तट बांध पर गऊघाट पंपिंग स्टेशन से हरदोई रोड को जोड़ने का काम करेगा. यह तटबंध की कुल लंबाई करीब 3 किलोमीटर है या तटबंध के निर्माण हो जाने के बाद यातायात व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी. साथ ही लोगों को ट्रैफिक की समस्याओं से भी निजात मिलेगा.

तटबंध के पूरी तरह से निर्माण हो जाने के बाद हरदोई सीतापुर बाईपास रोड से हार्डिंग जिसका सीधा संपर्क हो जाएगा. वहीं, हरिनगर, बसंत कुंज योजना, घैला पुल तथा शालीमार स्थित क्षेत्रवासियों को आवागमन में सुगमता मिलेगी. साथ ही इस परियोजना के पूर्ण हो जाने से लगभग पांच से छह लाख जनता को फायदा होगा और पर्यावरण में प्रदूषण की कमी भी आएगी.

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने ईटीवी संवाददाता से बातचीत में बताया कि यह बांध लंबे समय से अधूरा पड़ा हुआ था, जिसके वजह से यहां पर बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी, साथ ही गंदगी और अलग-अलग बीमारियों के भी स्थानीय लोग प्रभावित होते थे.

इसके बन जाने से यातायात मे सुगमता मिलेगी. वही एक तरफ के निर्माण होने से प्रदूषण भी कम होगा.

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