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मेडिकल कोर्स में दाख़िला दिलाने के नाम पर ठगी का पर्दाफाश, सरगना समेत 3 गिरफ्तार

बिहार से पासआउट डॉक्टर व इंजीनियर एमबीबीएस व पीजी मेडिकल में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी का गैंग चला रहे थे. शनिवार को यूपी एसटीएफ ने एमबीबीएस व मेडिकल पीजी में दाखिला दिलाने के नाम पर कई राज्यों के बेरोजगार युवकों से 15 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया.

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Published : Mar 7, 2021, 6:04 PM IST

Updated : Mar 8, 2021, 7:29 AM IST

मेडिकल कोर्स में दाख़िला दिलाने के नाम पर ठगी का पर्दाफास, सरगना समेत 3 गिरफ्तार
मेडिकल कोर्स में दाख़िला दिलाने के नाम पर ठगी का पर्दाफास, सरगना समेत 3 गिरफ्तार

लखनऊ :बिहार से पासआउट डॉक्टर व इंजीनियर एमबीबीएस व पीजी मेडिकल में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी का गैंग चला रहे थे. शनिवार को यूपी एसटीएफ ने ठगी गैंग का भंडाफोड़ किया. सरगना समेत तीन हाई प्रोफाइल जालसाजों को विजयंत खंड गोमती नगर से गिरफ्तार किया गया. बताया जाता है कि ये लोग एमबीबीएस व मेडिकल पीजी में दाखिला दिलाने के नाम पर भारत के कई राज्यों के बेरोजगार युवकों से 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं.

आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा गर्ज

आरोपियों के विरुद्ध पुलिस कमिश्नरेट थाना विभूतिखंड में आईटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है. एसटीएफ प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनिल सिसौदिया के मुताबिक, जालसाजों ने राइस ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड व यूनिवर्सल कंसल्टिंग सर्विसेज कंपनी जालसाजी की. ये इसमें डायरेक्टर व मैनेजर बन गए. जालसाज एमबीबीएस व मेडिकल पीजी में असफल हुए छात्रों को झांसे में फंसाकर दाखिले के नाम पर रुपये ऐंठते थे. बताया कि गैंग ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के युवकों से करोड़ों की ठगी की. फॉरेंसिक टीम डाटा का परीक्षण कर रही है. बहुत जल्दी कुछ बड़े खुलासे किए जाएंगे.

आरोपियों की कंपनी से बरामद हुआ सामान
पुलिस ने आरोपियों के पास से 03 लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन, 01 नोट गिनने की मशीन, 01 कंप्यूटर व प्रिंटर, 25 डायरियां (जिसमें छात्रों से की गई ठगी का हिसाब दर्ज है), 13 एटीएम कार्ड, 09 भरी हुई चेक, 26 स्टांप पेपर, 75 शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां, नीट की परीक्षा देने वाले लगभग 26 लाख छात्रों का अनाधिकृत डेटा, 19,700 नकद तथा महिंद्रा स्कार्पियो व टोयोटा इनोवा गाड़ी बरामद की है. पकड़े गए आरोपियों की पहचान सौरभ कुमार उर्फ सौरभ गुप्ता निवासी स्वप्नलोक कॉलोनी चिनहट लखनऊ (डायरेक्टर राइस ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड), डॉ.अजय मिश्र निवासी इंदिरा नगर थाना इंदिरा नगर लखनऊ (डायरेक्टर यूनिवर्सल सर्विसेज) व विकास सोनी निवासी स्वप्नलोक कॉलोनी चिनहट लखनऊ (जनरल मैनेजर राईज ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड) के रूप में हुई है.

सौरभ गुप्ता है गैंग का सरगना

एसटीएफ के अफसरों की मानें तो सौरभ गुप्ता गैंग का सरगना है. सौरभ ने वर्ष 2014 मे इमेक्स ग्रुप ऑफ एजूकेशन से बी.टेक करने के बाद वर्ष 2015 में आइसीएल काॅलेज आफ इंजीनियरिंग में रीजनल डायरेक्टर एडमिशन बिहार झारखण्ड के पद पर ज्वाइन किया. वर्ष 2016 में अपनी खुद की कंपनी राईज ग्रुप प्रा.लि का आफिस लखनऊ में शुरू किया. सौरभ ने कुबूला कि उसने वर्ष 2020 में अशोक सिंह रायबरेली से 05 लाख, पवन यादव आजमगढ़ से 09 लाख, संजीव पाण्डेय पटना बिहार से 20 लाख, ममतेश शाक्य एटा से 06 लाख, विमलेश, कैलाश, अनिल आदि से करोड़ों रुपये की ठगी की है.

वहीं, डॉ. अजिताभ मिश्रा ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2007 मुजफ्फरपुर बिहार से बीएएमएस की डिग्री लेने के बाद 2008 में अपनी खुद की कंपनी बना ली. वर्ष 2016 में जब मेडिकल विभाग में नीट की परीक्षा प्रारंभ हुई तो टीएस मिश्रा मेडिकल काॅलेज लखनऊ मे एडमिशन एडवाइजर रहा. इसके बाद वर्ष 2019 में केएम मेडिकल काॅलेज मथुरा में एडमिशन डायरेक्टर रहा. वर्ष 2020 में डॉ. डीएस मिश्रा सुल्तानपुर से 90 लाख में पीजी एडमिशन के लिए, शशिधर कर्नाटक 80 लाख, संदीप बंगलूरू से 65 लाख, विश्वनाथ आदि से लगभग 02 करोड़ रुपये हाल ही में ठगे हैं.

एक जगह बंद कर दूसरी जगह खोला ऑफिस
उप निरीक्षक पंकज सिंह ने बताया कि सौरभ गुप्ता डायरेक्टर राईज ग्रुप प्रा.लि द्वारा पूर्व में 3/52 विराट खण्ड लखनऊ में आफिस खोला गया. यहां से कुछ मेडिकल काॅलेजों के स्टाफ के साथ मिलकर एमबीबीएस व मेडिकल पीजी में दाखिला दिलाने का प्रलोभन देकर करोड़ों की ठगी की गयी. इसके बाद वहां से आफिस बंद कर 3/171 विजयन्त खण्ड गोमतीनगर लखनऊ एक नया आफिस खोला गया. वर्तमान में यहीं से यह संचालित हो रहा है. यहां से भी यह इसी प्रकार की ठगी का काम कर रहा था.

मॉडस अपरेंडी
उपपुलिस अधीक्षक दीपक सिंह के मुताबिक, जालसाज नीट की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों का डेटा अनाधिकृत रूप से प्राप्त कर अपने आफिस से टेलीकाॅलर के माध्यम उन्हें काॅल कराकर अपने आफिस बुलाते. फिर अपनी कंपनी के जनरल मैनेजर के साथ मिलकर एमबीबीएस व मेडिकल पीजी दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों व उनके परिजनों से धोखे से लोन एग्रीमेंट पर शाइन करा लेते. सर्विस चार्ज के रूप में 5-6 लाख रुपये भी ले लेते. इसके बाद छात्रों को मेडिकल कॉलेज के स्टाफ की मदद से कॉलेज में काउंसिलिंग कराने के नाम पर विश्वास दिलाकर फिर से रूपयों की ठगी किया करते थे.

जालसाज बदल लेते थे नंबर

जब कुछ समय बाद छात्रों का एडमीशन नहीं होता तो वह कॉल करके अपना रुपया वापस मांगते. इस पर ये जालसाज पहले तो यह कह कर डराते कि यदि आप शिकायत करेंगे तो पुलिस आपको भी पकडे़गी क्योंकि आपने एडमिशन कराने के लिए रिश्वत दी है. इसके अतिरिक्त कंपनी के नंबर कुछ समय बाद बंद करके ये लोग नया नंबर ले लेते.


पटना के कुमार शैलेंद्र की बेटी का दाखिला कराने के नाम पर लिए थे 6 लाख
पटना बिहार निवासी कुमार शैलेन्द्रमणि से उनकी पुत्री को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने के नाम पर 06 लाख की ठगी की गयी. इस पर कुमार शैलेन्द्रमणि द्वारा थाना विभूति खण्ड पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ में केस पंजीकृत कराया गया. यहीं नहीं, वर्ष 2018 में थाना गोमती नगर पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ व थाना मुफसिल समस्तीपुर बिहार, वर्ष 2019 में थाना कहलगांव भागलपुर बिहार, वर्ष 2020 में पुणे, कोलकाता व वर्ष 2021 में बंगलूरू आदि स्थानों पर इस गिरोह के विरुद्ध मुकदमें पंजीकृत हो चुके हैं.

Last Updated : Mar 8, 2021, 7:29 AM IST

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