लखनऊ: पीपीपी मॉडल पर नए बस स्टेशनों का होगा निर्माण - पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशनों का निर्माण
राजधानी लखनऊ में UPSRTC ने बस स्टेशनों के निर्माण कार्य को तेज कर दिया है. शहर के अमौसी विभूतिखंड और चारबाग बस स्टेशनों के निर्माण को पीपीपी मॉडल के रूप में तैयार करने की गति तेज हो गई है.
नए बस स्टेशनों के निर्माण पर अब होगा रोडवेज का ध्यान
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Published : Nov 4, 2020, 10:24 AM IST
लखनऊ : राजधानी में यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए परिवहन निगम और सिटी बस प्रबंधन तैयारी में जुट गए हैं. परिवहन निगम ने राजधानी में उन बस स्टेशनों की ओर रुख किया है, जिनका निर्माण कार्य पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर किया जाना है. इन बस स्टेशनों पर यात्रियों को सिर्फ बसें ही नहीं, बल्कि कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. जिनमें शॉपिंग कॉम्लेक्स, मल्टीप्लेक्स, बच्चों के लिए गेम जोन और अन्य सुविधाएं मौजूद होंगी.
अमौसी बस स्टेशन का निर्माण पीपीपी मॉडल पर किया जाना है. इस बस स्टेशन के निर्माण के बाद एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को बस पकड़ने में आलमबाग या चारबाग बस अड्डे नहीं आना होगा. हालांक फिलहाल यहां पर सिर्फ बसों के मेंटेनेंस का कार्य हो रहा है. अमौसी बस स्टेशन को अभी एक शॉपिंग मॉल के रूप में भी बनाया जायेगा. साथ ही यहां पर यात्रियों को उच्चस्तरीय सुविधाएं देने की भी तैयारी हो रही है.
विभूतिखंड बस स्टेशन की होगी शुरुआत
फैजाबाद रोड पर जाने वाली बसों का संचालन विभूतिखंड बस स्टेशन से होना है. इसका सबसे बड़ा फायदा गोमती नगर और इसके आस-पास की कॉलोनी में रहने वालों को मिलेगा. बाराबंकी जाने वाले लोगों को भी बड़ा फायदा मिलेगा. वहीं चारबाग बस स्टेशन का ये ड्रीम प्रोजेक्ट पीपीपी मॉडल पर ही आधारित है. यहां पास ही रेलवे स्टेशन और मेट्रो की सुविधा है, इसलिए यहां काफी भीड़ रहती है. चारबाग बस स्टेशन पर अंडर ग्राउंड पार्किंग के साथ ही होटल भी बनाया जाएगा. इतना ही नहीं सिटी बसों के लिए प्लेटफॉर्म भी बनाए जाएंगे.
बस स्टेशनों की योजनाएं
स्थान
क्षेत्रफल
अनुमानित खर्च
विभूतिखंड
58800 स्क्वॉयर मीटर
374 करोड़
चारबाग
6784 स्क्वॉयर मीटर
47 करोड़
अमौसी
29000 स्क्वॉयर मीटर
189 करोड़
रुकी योजनाओं पर जल्द होगा काम
UPSRTC निर्माण इकाई के अधिशाषी अभियंता इरफान बताते हैं कि प्रदेश के कई स्थानों पर बस स्टेशनों का निर्माण होना है. कोरोना के चलते निर्माण कार्य रुक सा गया था, लेकिन अब फिर से योजनाओं को शुरू किया जाएगा. पीपीपी मॉडल पर बनने वाले बस स्टेशनों को विकसित किए जाने को लेकर भी प्रयास तेज किए जाएंगे.