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लखनऊ: छात्रवृत्ति वितरण घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित - तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

राजधानी लखनऊ में छात्रवृत्ति वितरण में होने वाले घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है. इस जांच समिति को आठ बिंदुओं पर रिपोर्ट देनी होगी. इस जांच समिति को 5 मार्च तक अपनी रिपोर्ट समाज कल्याण निदेशालय को देनी होगी.

तीन सदस्यीय जांच समिति गठित
तीन सदस्यीय जांच समिति गठित

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Published : Feb 17, 2021, 10:46 PM IST

लखनऊ:समाज कल्याण विभाग की उच्च स्तरीय बैठक में छात्रवृत्ति वितरण में होने वाले घोटाले पर अंकुश लगाने के लिए जिला स्तर पर जांच समिति गठित करने का फैसला हुआ था. इसी के तहत समाज कल्याण विभाग ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है. बता दें प्रदेश सरकार छात्रवृत्ति में होने वाले घोटाले को देखते हुए सभी पाठ्यक्रमों की छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की जांच कराने जा रही है. इसके लिए सरकार ने सभी जिलों में मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है.

इनको बनाया गया सदस्य
समाज कल्याण विभाग की ओर से गठित की गई जांच समिति में उप जिलाधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को सदस्य बनाया गया है.इस जांच समिति को 5 मार्च तक अपनी रिपोर्ट समाज कल्याण निदेशालय को देनी होगी. वहीं समाज कल्याण निदेशालय को 10 मार्च तक सरकार को रिपोर्ट देनी है.

इन आठ बिंदुओं पर देनी होगी जांच रिपोर्ट

  • सॉफ्टवेयर के जरिए समान नाम, समान पिता का नाम और समान जन्मतिथि वाले मामलों की जांच करते हुए छात्रवृत्ति की धनराशि का दुरुपयोग रोकना.
  • दूसरे प्रदेशों के हाईस्कूल बोर्ड से छात्रों को अत्यधिक संख्या में प्रवेश करके उनकी छात्रवृत्ति का दुरुपयोग रोकना.
  • आवेदन पत्र में यूपी बोर्ड को चयनित करने के स्थान पर यूपी बोर्ड के हाईस्कूल रोल नंबर अंकपत्र को कई बार प्रयोग करते हुए फॉर्म भरवाने के मामले.
  • स्वीकृत सीटों से अधिक संख्या में प्रवेश दिलाने व छात्रवृत्ति की धनराशि का गबन करने की जांच होगी.
  • पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेकर छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों द्वारा प्रथम वर्ष की परीक्षा में न बैठने और द्वितीय वर्ष में काफी संख्या में पढ़ाई छोड़ देने के मामले होंगे.
  • संस्थानों में पाठ्यक्रम की मान्यता व स्वीकृत सीटों की संख्या आदि की जांच करनी है.
  • एनआईसी के समक्ष पोर्टल पर बैंक एंड डाटा का भी सत्यापन किया जाएगा. फर्जी व संदिग्ध डाटा की जांच जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित दूसरी समिति करेगी.
  • जांच समिति छात्रों की पात्रता के साथ माता-पिता की वास्तविक आय की भी जांच करेगी.


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