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डिप्टी सीएम बोले, डॉक्टर के लिए एक मरीज की सेवा गंगा में नहाने जितना पुण्य

उत्तर प्रदेश ट्यूबरक्लोसिस काउंसिल 16वीं वार्षिक कांफ्रेंस यूपीटीबीसीकान 2022 (UPTBCCON 2022) के दूसरे दिन डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे. केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल फेस 2 में यूपीटीबीसीकान कार्यक्रम आयोजित हुआ.

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यूपीटीबीसीकान कार्यक्रम

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Published : Oct 8, 2022, 10:54 PM IST

लखनऊ: यूपी की राजधानी में शनिवार को यूपीटीबीसीकान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने का संकल्प है. इसको लेकर जमीनी स्तर पर भी काफी काम चल रहा है. सरकार टीबी मरीजों को गोद ले रही है, ताकि उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके और उनके भरण-पोषण का भी पूरा ख्याल रखा जाता है. हर महीने उनके अकाउंट में 500 रुपये दिया जाते हैं, ताकि उन्हें पोषक भोजन मिल सके.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक

उन्होंने कहा कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस संकल्प में हम सभी को अपना सहयोग देना है. गंगा, यमुना और सरस्वती में नहाने से जितना पुण्य प्राप्त होता है. उससे कहीं अधिक पुण्य डॉक्टर के लिए एक मरीज का इलाज करने से प्राप्त होता है.' केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल फेस-2 में यूपीटीबीसीकान कार्यक्रम का दूसरे दिन देश भर से पल्मोनरी एवं क्रिटिकल केयर यूनिट के विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहे. तीन दिनों तक होने वाले इस कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को देशभर के 500 से ज्यादा श्वास रोग और टीबी एक्सपर्ट्स शामिल हुए. इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी विकार फेफड़े के जांच और सघन चिकित्सा केंद्र में होने वाले परीक्षण से संबंधित जानकारियां साझा की गई.

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि 'सरकार टीबी पीड़ित मरीजों को गोद ले रही है और उनके भरण-पोषण का पूरा ख्याल रख रही है. क्योंकि सबसे बड़ी चुनौती आती है मरीजों के अच्छे और स्वस्थ खाने में. अगर मरीज को पोषित खाना मिल रहा है और दवाइयां उपलब्ध हो रही हैं, एक बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो रही है तो मरीज बीमारी से लड़ सकेगा. इसके लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा अनेकों टीवी पीड़ित बच्चों को गोद लिया गया है और उनका सरकार पूरी तरह से ख्याल रख रही है.'

इस दौरान उन्होंने मेडिकल की स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि 'आप सभी को आगे का भविष्य तय करना है. आपको मन लगाकर पढ़ना है, जिसमें आपके गुरुजन आपकी मदद करेंगे. लेकिन आपको मन लगाकर दृढ़ संकल्प करके अच्छे से पढ़ना है और भविष्य में टीबी पीड़ित मरीजों का इलाज करना है. टीबी पीड़ित मरीजों को चिन्हित करने के लिए आशा बहुएं घर-घर जाकर लोगों से मिल रही है और जिन लोगों को समस्या है उन्हें पूरा इलाज उपलब्ध हो रहा है.'

यूपी ट्यूबरक्लोसिस काउंसिल एसोसिएशन के नेशनल चेयरमैन डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि 'देशभर में टीबी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. लेकिन इसी के साथ ही ट्यूबरक्लोसिस और सीओपीडी के भी मरीज भारी संख्या में मिलते हैं. ऐसा बिल्कुल भी न हो कि ट्यूबरक्लोसिस और सीओपीडी के मरीजों को या इसके इलाज को नजरअंदाज किया जाए. ट्यूबरक्लोसिस से देश में पांच करोड़ और प्रदेश में एक करोड़ पीड़ित मरीज है. वहीं आस्था में भारत में 43 फीसदी मरीजों की मौत होती है. इस तरह 43 फीसदी में यूपी के भी भारी संख्या में मरीज शामिल है.'

उन्होंने कहा कि 'स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक काफी सक्रिय हैं और हम देखते हैं कि वह अस्पताल में मौके से मुआयना करते हैं. सरकार से बस हमारी यही अपील है कि टीवी के मरीज के साथ-साथ ट्यूबरक्लोसिस और सीओपीडी के मरीजों की भी इलाज की जिम्मेदारी ले और इसे लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया जाए. क्योंकि टीवी की बीमारी से अधिक खतरनाक ट्यूबरक्लोसिस और सीओपीडी है.'

केजीएमयू के पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर यूनिट के विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि 'सरकार मरीजों को गोद ले रही हैं, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज बेहतर सुविधा मिल सके और वह जल्द से जल्द टीबी को मात दे सकें. शुक्रवार को विशेषज्ञों ने फेफड़े और श्वास नली से संबंधित बीमारियां जैसे फेफड़े का कैंसर, छाती की सर्जरी, स्लीप मेडिसिन, इंटरस्टिशियल लंग डिसीज (आइएलडी), ब्रोंकोस्कोपी, थोरेकोस्कोपी, फेफड़ा प्रत्यारोपण और कोविड के बाद होने वाली समस्याओं पर किया, जो हमारे स्टूडेंट्स एमडी और डीएम कर रहे हैं उनके लिए यह बेहद जरूरी है.'

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