लखनऊ :उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित शिक्षक चयन बोर्ड सहित कई अन्य समितियां को लेकर शिक्षकों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दिया. इस दौरान प्रदेश के सभी जिलों से आए करीब 17 से 20 हजार शिक्षक निदेशालय के बाहर धरने पर बैठ गए. प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का कहना था कि 'शिक्षक अपनी समस्याओं को लेकर बीते कई वर्षों से सरकार से वार्ता कर रहा है, लेकिन सरकार लगातार उनकी मांगों को अनदेखी कर नियम बनाने में जुटी हुई है.'
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ आरपी मिश्रा ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन के बाद शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में शिक्षकों की सेवा सुरक्षा और पदोन्नति संबंधी तीन धाराओं को हटाया गया है. सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21 हटने से प्रबंधक को बिना आयोग की अनुमति के भी शिक्षक के वेतन काटने और कार्रवाई का अधिकार मिल गया है. तदर्थ पदोन्नति संबंधित धारा 18 को हटाने से इंचार्ज के रूप में काम कर रहे वरिष्ठ शिक्षक को अब वेतन नहीं मिलेगा. पहले 60 दिनों में उसकी पदोन्नति करने का अधिकार था, वहीं पदोन्नति संबंधी धारा 12 हटने से जेडी, उप शिक्षा निदेशक और डीआईओएस की जगह अब डीआईओएस के पास पदोन्नति के अधिकार होंगे, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा. वह पुरानी पेंशन बहाली को मांग को लेकर उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के बैनर तले माध्यमिक शिक्षक संघ प्राथमिक शिक्षक संघ सहित एक दर्जन से अधिक शिक्षक संघ ने बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव कर अपनी सभी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की. संघ के प्रादेशिक उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता आरपी मिश्र ने बताया कि 'इन धाराओं के साथ 18 सूत्रीय मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ से जुड़े हजारों शिक्षकों ने निदेशालय का घेराव किया है. उन्होंने बताया कि प्रदेश के शिक्षकों में भारी आक्रोश है. बार-बार आश्वासन के बाद भी शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं हो रही हैं. यही हाल रहा तो संघ जेल भरो आंदोलन शुरू करेगा.'