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कोविड की तीसरी लहर आना तय लेकिन बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं!

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Published : Jun 9, 2021, 5:31 AM IST

संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक राधा कृष्ण धीमान ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर आना तय है. लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है. बच्चों में संक्रमण तो जरूर होगा लेकिन यह संक्रमण उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा, क्योंकि बच्चों की न केवल इम्यूनिटी मजबूत होती है बल्कि उनमें डायबिटीज, ब्लड प्रेशर तथा फेफड़े के रोग न के बराबर पाए जाते हैं.

तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं
तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं

लखनऊ: संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक राधा कृष्ण धीमान ने मंगलवार को कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर आना तय है. लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर भयभीत होने की कोई जरूरत नहीं है. बच्चों में संक्रमण तो जरूर होगा लेकिन यह संक्रमण उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा.

तीसरी लहर में भी बच्चों के साथ बुजुर्गों के लिए भी खतरा
प्रोफेसर धीमान संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के एनेस्थीसिया विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय वेबनार को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ऐसा जरूरी नहीं है कि बच्चे ही इफेक्ट हों. तीसरी लहर में आने वाला वायरस डिफरेंट होगा परंतु वह बुजुर्गों के लिए उतना ही खतरनाक होगा जितना पहली और दूसरी लहर के दौरान था. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में कोविड वायरस पहली लहर की तुलना में 30 से 50% अधिक क्षमता वाला था. तीसरी लहर में इसकी क्षमता और ज्यादा हो सकती है.


तैयारी है पूरी
प्रोफेसर धीमान राज्य स्तर पर बनाई गई उस 12 सदस्य टीम के हेड हैं जो राज्य सरकार को कोविड और दवाइयों से संबंधित सलाह दे रही है. प्रोफेसर धीमान ने इसमें 15 और सदस्यों को शामिल किया है. उन्होंने कहा कि एसजीपीजीआई में कर्मचारियों के लिए जिन 72 बेड को आरक्षित किया गया था उन्हें अब ब्लैक फंगस के इलाज के लिए आरक्षित कर दिया गया है. तीसरी लहर आने के बाद इसे पीडियाट्रिक आईसीयू में तब्दील किया जा रहा है. सभी अस्पतालों को 100 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाने की सलाह दी गई है.

यह लक्षण दिखें तो बच्चे को तुरंत भर्ती कराएं
प्रोफेसर कीर्ति ने कहा कि बच्चे ना तो बोल सकते हैं और न ही अपनी बात कह सकते हैं. इसलिए अब आवक को ही उनका ध्यान रखना होगा यदि बच्चे में खाने-पीने के प्रति अरुचि दिखाई दें. वे चार-पांच दिन से अधिक अवधि से बुखार से पीड़ित हो उन्हें डायरिया हो रहा हो अथवा उनकी ऑक्सीजन क्षमता 95 से नीचे आ रही हो तो तुरंत बच्चे को अस्पताल में भर्ती करा देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जीरो से 5 वर्ष तक के बच्चों में यह खतरा कम है लेकिन 5 से 12 और 12 से 18 वर्ष के बच्चों को इसका संक्रमण हो सकता है. इसके लिए तैयारी रखनी होगी.

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