लखनऊ: कोरोना के संक्रमण ने मार्च के बाद से ही अपना कहर बरपा रखा था. इसके बाद से स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर कोरोना से बचाव को लेकर के प्रयास कर रहा था. इसके परिणाम स्वरूप लखनऊ में कोरोना के प्रकोप से राहत मिली है, लेकिन बदलते मौसम में डेंगू और बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं इस प्रदूषण से कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए खतरा और बढ़ गया है. ऐसे में ईटीवी भारत ने चिकित्सक से बात की और जाना कि इस सब के बीच लोग कैसे खुद को सुरक्षित रख सकते हैं.
कोरोना और डेंगू से बचने के लिए ये सावधानियां जरूरी. कोरोना संक्रमित की संख्या हुई कम पर ढिलाई सही नहींमुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टर के. पी. त्रिपाठी ईटीवी भारत से विशेष बात की. उन्होंने कहा कि कोरोना का प्रभाव कम जरूर हुआ है, लेकिन सर्दी और प्रदूषण के चलते हमें और अधिक सावधान रहने की जरूरत है. सर्दी और प्रदूषण के चलते कोरोना का प्रकोप फिर देखने को मिल सकता है.
घरों के आस-पास रखें सफाई. उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीमें अभियान चलाकर लोगों की जांच कर रही हैं, जिससे कोरोना संक्रमितों की समय लेते पहचान हो सके और उनका इलाज शुरू किया जा सके. उन्होंने बताया कि सर्दी और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए स्वास्थ विभाग भी अलर्ट पर है. 12 नवंबर तक स्वास्थ्य विभाग अपना अभियान चला रहा है. इसके तहत घर-घर स्वास्थ विभाग की टीम में जाकर लोगों के स्कैनिंग व टेस्टिंग का काम कर रही हैं.
लखनऊ में कोरोना की स्थिति
बता दें कि राजधानी में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या3,098 है. यहां कोरोना से 894 मरीजों की मौत हो चुकी है. वहीं 60,321 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
लखनऊ में प्रदूषण ने लोगों को किया परेशान. ठंडक शुरू होते ही बड़ा डेंगू का खतरा
डॉक्टर के. पी. त्रिपाठी ने बताया कि इस बार डेंगू से बचने के लिए हमें और ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. इसके लिए हमें अपने घरों के आस-पास सफाई रखनी चाहिए. पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, इन सावधानियों से खुद को डेंगू से बचा सकते हैं.
लखनऊ में डेंगू की स्थिति
बता दें कि राजधानी लखनऊ में अब तक कोरोना के478 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से सक्रिय मामलों की संख्या 159 है. दो लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 319 लोग डेंगू से ठीक हो चुके हैं.
प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की वजह से बढ़े मरीजराजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण का कहर अब धीरे-धीरे लोगों को अस्पताल की तरफ मुड़ने पर मजबूर करता जा रहा है. दरअसल राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण की पड़े से हवा में जहर घुलता जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों को सांस से संबंधित तमाम बीमारियां बढ़ने लगी हैं. नतीजतन सरकारी अस्पतालों में सांस से संम्बन्धित रोग के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.
ओपीडी में करीब 15 से 20% तक कि मरीज विभिन्न श्वास रोगों से पीड़ित होकर पहुंच रहे हैं. चिकित्सक लोगों को मास्क लगाकर घर से बाहर निकलने की सलाह दे रहे हैं. राजधानी लखनऊ के जिला अस्पतालों समेत चिकित्सा संस्थानों में सांस से संबंधित मरीजों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वायु प्रदूषण की हवा में अधिकता होने की वजह से लोगों को जहरीले सांस लेनी पड़ रही है, जिसकी वजह से उनको एलर्जी, हृदय गति से संबंधित तमाम बीमारियां तेजी से बढ़ रहे हैं.
अस्पतालों में बढ़े मरीज
बलरामपुर अस्पताल - 20 से 25 फीसदी
सिविल अस्पताल- 20 फीसदी
लोहिया संस्थान - 30 फीसदी
केजीएमयू - 20 फीसदी
डॉक्टर के. पी. त्रिपाठी ने बताया कि राजधानी लखनऊ में वायु प्रदूषण से बचाव के लिए जब घर से बाहर निकले तो मास्क का उपयोग करें. सांस के मरीज पानी के भाप का उपयोग करें. नाक के बंद हो जाने पर नेजल स्प्रे का प्रयोग करें. किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह लें. इसके साथ ही उन्होंने बाहर व्यायाम करने से बचने की सलाह दी.