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एयरफोर्स के ये लड़ाकू विमान आपको कर देंगे हैरान, इनकी अपनी ही है दास्तान - Air Force News

"ईटीवी भारत" की टीम ने लखनऊ के बक्शी का तालाब स्थित एयरबेस स्टेशन का दौरा किया. यहां पर वायुसेना के अधिकारियों ने इन फाइटर विमानों की खासियत के बारे में जानकारी साझी की. पेश है एयरफोर्स अधिकारियों से एक्सक्लूसिव बातचीत.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 15, 2023, 10:03 PM IST

एयरफोर्स के ये लड़ाकू विमान आपको कर देंगे हैरान. देखें खबर

लखनऊ : भारतीय वायु सेना अब विश्व की किसी भी वायु सेना से किसी भी मामले में कम नहीं है. पल भर में ही दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देने वाले एयरक्राफ्ट और तमाम तरह के उपकरण और हथियार अब हमारी वायुसेना के पास मौजूद हैं. लखनऊ के बक्शी का तालाब एयरवेज स्टेशन पर वायु सेना ने अपने दमखम से देश और दुनिया को रूबरू कराया. यहां पर उपकरणों की प्रदर्शनी लगाई गई. एक से बढ़कर एक ताकतवर लड़ाकू विमान और हथियार एयरबेस में मौजूद है. चाहे फिर फाइटर विमान जगुआर हो जिसे हिंदी में शमशेर के नाम से जाना जाता हो या फिर रेकी के लिए इस्तेमाल होने वाला छोटा सा एयरक्राफ्ट. यह सभी हमारी वायु सेना को बेहद मजबूत कवच प्रदान कर रहे हैं.

एयरफोर्स के ये लड़ाकू विमान आपको कर देंगे हैरान.



फाइटर पायलट सुनील पांडेय फाइटर एयरक्राफ्ट जगुआर की खासियत के बारे में बताते हैं कि जैगुआर एयरक्राफ्ट फ्रांस से 1979 में खरीदा गया था. इंडिया ने जब इसे खरीदा था तो इसका नाम शमशेर दिया गया. अब इसे भारतीय नाम शमशेर से जाना जाता है. यह लो लेवल स्ट्राइक बॉम्बर एयरक्राफ्ट है जो लो लेवल पर जाकर टारगेट को हिट करने के लिए बना हुआ है. कहीं भी हमें पिन पॉइंट बॉम्म्बिंग करनी है तो इस एयरक्राफ्ट से हिट कर सकते हैं. बहुत लो लेवल फ्लाई कर सकता है, यह इसकी स्पेशलिटी है. इस एयरक्राफ्ट को इसी खूबी के लिए जाना जाता है कई युद्ध में इसका प्रयोग हुआ. कारगिल युद्ध में भी इसका इस्तेमाल हुआ है. कारगिल युद्ध के बाद अभी इसका इस्तेमाल नहीं हुआ, लेकिन जहां के लिए भी हमें कोई असाइनमेंट दिया जाता है तो हम इसके लिए हमेशा तैयार हैं.

भारतीय वायु सेना.
एयरफोर्स के ये लड़ाकू विमान आपको कर देंगे हैरान.






एयरफोर्स के पायलट को ट्रेनिंग देने वाले एयरफोर्स अधिकारी अश्विन सूर्य किरण की खासियत बताते हैं कि सूर्य ग्रहण की जो वर्तमान टीम है वह हॉक एयरक्राफ्ट से फ्लाई कर रहे हैं. सूर्य किरण की टीम होती है वह स्पेशलिस्ट पायलट की होती है. यह मिशन प्लान करते हैं. लगभग सात, नौ या 11 एयरक्राफ्ट एक साथ उड़ते हैं. उसके लिए काफी सामंजस्य की जरूरत होती है. मिशन प्लानिंग के बाद कोऑर्डिनेटर फ्लाइंग होती है. बहुत सारी प्रेक्टिस फ्लाइंग होती है. इस एयरक्राफ्ट को हम रेडी करके देते हैं जहाज में डाई रखते हैं. इस जहाज में ट्राई कलर फॉरमेशन होता है जिससे तिरंगा बनता है उसमें हम यह डाई डालते हैं.

भारतीय वायु सेना.
एयरफोर्स के ये लड़ाकू विमान आपको कर देंगे हैरान.

हॉक एयरक्राफ्ट पिन कॉकपिट फाइटर जेट ट्रेनर है. हमारी कंट्री में 1964 में जुड़ा था. ये दो तरह के एयरक्राफ्ट होते हैं. एक ब्लू टेल एयरक्राफ्ट होते हैं, जिससे पायलेट्स को ट्रेनिंग दी जाती है. इसके अलावा इस एयरक्राफ्ट से फाइटर को बॉम्बिंग और रॉकेट्री की ट्रेनिंग दी जाती है और रेड टेल एयरक्राफ्ट जो कि सूर्य किरण टीम का है. अब इस एयरक्राफ्ट को डिस्प्ले के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसमें बम, गन और रॉकेट्री फिट हो सकती है. हाल ही में हमारे एयरक्राफ्ट एयरो इंडिया पर गए थे 2020 में. इससे पहले गुजरात के सरदार वल्लभभाई पटेल के स्टैचू के उद्घाटन के मौके पर हम गए थे. वहां पर फ्लाइंग की थी. अभी एयर फोर्स डे के लिए जो प्लानिंग हो रही है उसमें भी हमारी टीम जाएगी. भोपाल और प्रयागराज दोनों में ही हम फ्लाइंग करेंगे.



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